तिरुवनंतपुरम इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने कहा कि भारत में अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में निजी क्षेत्र और स्टार्टअप की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इनकी मदद से देश वैश्विक बाजार में अधिक हिस्सेदारी हासिल कर सकता है। वह यहां केरल स्टार्टअप मिशन के कार्यक्रम हडल ग्लोबल 2024 में इसरो के विजन और भारत में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों के उदय पर बोल रहे थे। सोमनाथ ने कोवलम में स्टार्टअप उत्सव के दूसरे दिन अपने संबोधन में कहा एक स्वीकृत अंतरिक्ष ताकत होने के बावजूद वैश्विक कारोबार में भारत की हिस्सेदारी सिर्फ दो प्रतिशत यानी 386 अरब अमेरिकी डॉलर है। भारत की योजना इसे 2030 तक 500 अरब डॉलर और 2047 तक 1 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने की है। निजी क्षेत्र के लिए व्यावसायिक गतिविधियों की संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास सिर्फ 15 परिचालन अंतरिक्ष उपग्रह हैं जो अपेक्षाकृत कम है। सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की विशेषज्ञता और उपग्रह निर्माण कंपनियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए देश अंतरिक्ष में कम से कम 500 उपग्रह रखने की क्षमता रखता है। केएसयूएम ने एक बयान जारी कर सोमनाथ के हवाले से कहा अब बाजार में कई निजी इकाइयां उभर रही हैं जिनके पास उपग्रहों का निर्माण करने और उन्हें कक्षा में स्थापित करने की क्षमता है और यहां तक कि निजी ‘लॉन्चपैड’ भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में जहां अंतरिक्ष से संबंधित सिर्फ एक स्टार्टअप था वहीं 2024 तक यह संख्या बढ़कर 250 से ज्यादा हो गई है। अकेले 2023 में अंतरिक्ष स्टार्टअप खंड ने 1 000 करोड़ रुपये का निवेश जुटाया।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common