अग्निवीरों को भी नियमित सैनिकों की तरह सम्मान दिया जाए: कांग्रेस

नयी दिल्ली, कांग्रेस ने सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की मौत की पृष्ठभूमि में सोमवार को सेना में भर्ती की ‘अग्निपथ’ योजना को देश के लिए घातक करार दिया और कहा कि अग्निवीरों को नियमित सैनिकों की तरह सम्मान दिया जाना चाहिए। पार्टी के पूर्व सैनिक विभाग के प्रमुख कर्नल (सेवानिवृत्त) रोहित चौधरी ने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना में भेदभाव पैदा कर रही है और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसका जवाब देना चाहिए कि युवाओं, सैनिकों और देश के लिए घातक ‘अग्निपथ’ योजना को क्यों लागू किया गया ?

            सियाचिन में ड्यूटी के दौरान अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण की शनिवार को तड़के मौत हो गई। काराकोरम पर्वत श्रृंखला में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्य क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को अत्यधिक ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है।

            चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मोदी सरकार देश की सुरक्षा के साथ बार-बार खिलवाड़ कर रही है। महत्वपूर्ण मुद्दा है कि क्या अग्निवीर 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद युद्ध क्षेत्र के बेहतर सिपाही बन पाते हैं? सेना के नियमित सिपाही कई वर्षों के कड़े प्रशिक्षण के बाद हर परिस्थिति के लिए एक बेहतर सिपाही बनते हैं। लेकिन 6 महीने के प्रशिक्षण वाले अग्निवीर से क्या हम यह उम्मीद रखें कि वह हर स्थिति के लिए वेलट्रेंड सिपाही होगा!’’

            उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अग्निपथ योजना देश और देश के युवाओं के लिए हितकारी नहीं है। इसके जरिए मोदी सरकार ने देश के सैनिकों को दो हिस्सों में बांटने का काम किया है, जिसमें एक तरफ नियमित सैनिक हैं और दूसरी तरफ अग्निवीर। अग्निपथ योजना के नियम व शर्तों से यह बात पूरी तरह साबित हो जाती है।’’

            चौधरी ने सवाल किया, ‘‘युवाओं, सैनिकों और देश के लिए घातक ‘अग्निपथ’ को क्यों लागू किया गया? मोदी जी, आपने अपनी ही सेना में भेदभाव की स्थिति क्यों पैदा की?’’ उन्होंने दावा किया कि सेना की यूनिट में अग्निवीरों को ‘4 साला’ (यानी ये सेना में केवल 4 साल के लिए हैं) कहा जा रहा है।  चौधरी ने कहा, ‘‘अग्निवीरों की शहादत को सम्मान देना और उनके परिवारों की देखभाल देश की जिम्मेदारी है, इसलिए इन्हें नियमित सैनिकों की तरह ही सम्मान दिए जाए।’’  सैन्य सूत्रों ने रविवार को बताया था कि अग्निवीरों की भर्ती करने के नियमों में, ड्यूटी पर दुर्घटनाओं में मौत होने की स्थिति में परिलाभ शामिल है। इसके मुताबिक, मृतक अग्निवीर के परिजनों को गैर-अंशदायी बीमा के रूप में 48 लाख रुपये के साथ-साथ 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी।

             इसके अलावा, परिजनों को सेवा निधि से भी राशि मिलेगी जिसमें अग्निवीर के योगदान (30 प्रतिशत), सरकार द्वारा समान योगदान और उस पर ब्याज की राशि शामिल है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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