नयी दिल्ली, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदर्भ में की गई टिप्पणी के कारण हुए उनके निलंबन के मामले से संबंधित विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट सोमवार को सदन के पटल पर रखी गई। इस रिपोर्ट को पटल पर रखे जाने से कुछ दिनों पहले 30 अगस्त को इसकी सिफारिशों के आधार पर लोकसभा से चौधरी के निलंबन को निरस्त कर दिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने संसद के विशेष सत्र के पहले दिन सोमवार को समिति का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है, ‘‘समिति ने अपने निष्कर्षों के आलोक में पाया हे कि प्रधानमंत्री और मंत्रियों के भाषण के दौरान चौधरी ने सभा की कार्यवाही को बार-बार बाधित करने का जानबूझकर प्रयास किया। यह सभा की अवमानना का स्पष्ट मामला है।’’
उसका कहना है कि चौधरी द्वारा समिति के समक्ष खेद प्रकट किए जाने को ध्यान में रखते हुए यह सिफारिश की जाती है कि अब तक (कुछ दिनों पहले तक) के निलंबन को पर्याप्त माना जाए और निलंबन को निरस्त करने पर विचार किया जाए।
बीते मानसून सत्र में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता चौधरी को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर की गई कुछ टिप्पणियों और उनके आचरण के कारण 10 अगस्त को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही उनके खिलाफ इस मामले को जांच के लिए विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया गया था।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इससे जुड़ा एक प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया था जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दी थी। इससे पहले, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर चुके थे।
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