‘अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात’ द्वारा नियुक्त दूत ने संयुक्त राष्ट्र से मान्यता देने की अपील की

पेशावर/काबुल, सुहैल शाहीन ने संयुक्त राष्ट्र से खुद को ‘अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात’ (आईईए) के दूत के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि अब अफगानिस्तान में पिछली सरकार का अस्तित्व नहीं बचा है।

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले महीने अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में शाहीन की नियुक्ति को खारिज करते हुए पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की सरकार द्वारा नियुक्त संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के दूत गुलाम मोहम्मद इसाकजई का कार्यकाल बढ़ा दिया था।

‘टोलो न्यूज’ की खबर के अनुसार इस्लामी अमीरात द्वारा नियुक्त संयुक्त राष्ट्र दूत शाहीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र से उन्हें अफगानिस्तान के प्रतिनिधि के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया है।

खबर के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता शाहीन ने कहा कि चूंकि अफगानिस्तान में पिछली सरकार का पतन हो चुका है, लिहाजा उसके द्वारा नियुक्त दूत अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता।

उन्होंने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘काबुल प्रशासन का अब अस्तित्व नहीं बचा है और मौजूदा सरकार में उसकी कोई हिस्सेदारी नहीं बची है। लिहाजा सरकार पर पूरी तरह नियंत्रण रखने वाला अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात शासन ही अफगानिस्तान की जनता का वास्तविक प्रतिनिधि है।’

किसी भी देश ने अफगानिस्तान में आईईए सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि काबुल में भविष्य की अफगानिस्तान सरकार समावेशी होनी चाहिये, जिसमें महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिये।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Getty Images

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