असम ‘मुख्य द्वार’ से यूसीसी लाएगा : मुख्यमंत्री हिमंत

गुवाहाटी, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि उनकी सरकार ‘‘मुख्य द्वार’’ से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाएगी। साथ ही कहा कि यूसीसी का संबंध प्रथाओं और परंपराओं से नहीं है। ‘असम बुराइयों की रोकथाम प्रथा विधेयक, 2024’ पर चर्चा का जवाब देते हुए शर्मा ने दावा किया कि सरकार केवल दुर्भावनापूर्ण इरादे से व्यक्तियों द्वारा की जाने वाली प्रथाओं पर अंकुश लगाने की कोशिश कर रही है।

सदन में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने सवाल किया कि क्या यह प्रस्तावित कानून ‘‘पिछले दरवाजे’’ से यूसीसी लाने की रणनीति है, इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम यूसीसी लाएंगे और हम इसे ‘मुख्य द्वार’ से लाएंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब उत्तराखंड में यूसीसी है। यूसीसी चार बिंदुओं से संबंधित है – कम उम्र में विवाह को रोकना, बहुविवाह पर प्रतिबंध, विरासत कानून और लिव-इन संबंधों का पंजीकरण। यूसीसी पारंपरिक अनुष्ठानों या प्रथाओं से संबंधित नहीं है।’’

उत्तराखंड विधानसभा ने सात फरवरी को एक विधेयक पारित किया था जिसमें अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर सभी समुदायों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप पर समान नियम लागू करने का प्रावधान है।

शर्मा ने पिछले महीने कहा था कि उत्तराखंड और गुजरात के बाद असम यूसीसी विधेयक पेश करने वाला तीसरा राज्य होगा और यह आदिवासी समुदायों को यूसीसी के दायरे से छूट देगा।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

%d bloggers like this: