कैनबरा, ऑस्ट्रेलिया की शीर्ष अदालत ने बुधवार को सरकार के उस कानून को कायम रखा जिसमें सजा पूरी करने के बाद भी चरमपंथियों को कैद में रखने का प्रावधान किया गया है।
उच्च न्यायालय के सात न्यायाधीशों की पीठ में से पांच न्यायाधीशों ने बहुमत से आतंकवाद के मामले में दोषी ठहराए गए अब्दुल बेनबरिका की उस याचिका को खारिज दिया जिसमें उसने गत नवंबर को 15 साल की सजा पूरी होने के बाद भी कैद रखने में फैसले की संवैधानिकता को चुनौती थी।
उल्लेखनीय है कि 60 वर्षीय मुस्लिम धार्मिक नेता अब्दुल पहला व्यक्ति है जिसे वर्ष 2017 में बने आतंकवाद निरोधक कानून के तहत कैद रखा गया है। पीठ ने बहुमत से फैसला दिया कि अपवाद स्वरूप परिस्थितियों में आतंकवाद से समुदाय को बचाने के लिए ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया