नयी दिल्ली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के ‘‘मोदी आचार संहिता’’ में बदलने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा चुनाव आचार संहिता Sami ‘‘घोर उल्लंघन’’ को रोकने के लिए कदम उठाए।
इस मामले पर निर्वाचन आयोग को एक पत्र सौंपने के बाद टीएमसी के राज्यसभा सदस्य साकेत गोखले और सागरिका घोष ने मीडिया को संबोधित किया और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ निर्वाचन आयोग की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा ‘‘(भाजपा प्रमुख) जे.पी.नड्डा को नोटिस दिया गया था लेकिन हमारी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बजाय प्रधानमंत्री मोदी अपनी टिप्पणियों में और अधिक अवहेलना कर रहे हैं। वह चुनाव के दौरान ऐसे वादे कर रहे हैं जिन्हें करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। वह वित्तीय घोषणाएं कर रहे हैं ऐसी योजनाएं जिन्हें उनकी पार्टी सत्तारूढ़ दल के रूप में लागू नहीं कर सकती।’’
गोखले ने यहां निर्वाचन आयोग मुख्यालय के बाहर संवाददाताओं से कहा कि आदर्श आचार संहिता की सरासर अवहेलना होती दिख रही है। घोष और गोखले दोनों ने दावा किया कि आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा रहा है।
घोष ने कहा ‘‘निर्वाचन आयोग की निगरानी में आदर्श आचार संहिता अब मोदी आचार संहिता बन गई है। मोदी बेलगाम बोल रहे हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। यह हमारे निष्पक्ष चुनावों को कमजोर करता है।’’
गोखले ने कहा ‘‘हमने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर मांग की है कि चुनाव के शेष चरण के लिए आदर्श आचार संहिता को सख्ती से लागू किया जाए शिकायतों पर कार्रवाई की जाए और हर बार चुनाव नियमों का उल्लंघन करने पर प्रधानमंत्री मोदी को क्लीन चिट न दी जाए।’’
निर्वाचन आयोग को लिखे टीएमसी के पत्र में भाजपा द्वारा कथित उल्लंघनों के कुछ उदाहरणों को रेखांकित किया गया है जिसमें झूठे और दुर्भावनापूर्ण आरोप और धर्म के आधार पर वोटों की अपील और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपनी रैलियों में दिए गए विभाजनकारी बयान शामिल हैं।
पत्र में कहा गया ‘‘मोदी द्वारा की गई इस तरह की बेलगाम टिप्पणियां न केवल हमारे धर्मनिरपेक्ष गणराज्य पर जानबूझकर किया गया हमला है बल्कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रचार के लोकाचार के भी खिलाफ हैं।’’
टीएमसी के पत्र में कहा गया ‘‘नरेन्द्र मोदी और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के कई मामले सामने आए हैं लेकिन निर्वाचन आयोग ने ऐसी शिकायतों के आधार पर कड़ी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। वास्तव में कई लोग यह निष्कर्ष निकालने के लिए मजबूर हैं कि आदर्श आचार संहिता अब मोदी आचार संहिता बन गई है।’’
पत्र में उन घटनाओं का विवरण दिया गया है जहां टीएमसी ने कथित तौर पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए भाजपा के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई थीं और निर्वाचन आयोग से तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
पत्र में कहा गया ‘‘आपसे विनम्र अनुरोध है कि मोदी के संरक्षण में भाजपा और उसके नेताओं द्वारा आदर्श आचार संहिता के इस तरह के खुलेआम उल्लंघन पर रोक लगाएं। इन चिंताओं को दूर करने में विफलता न केवल चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बल्कि निर्वाचन आयोग के प्रति जनता का विश्वास भी कम करेगी और अंततः संविधान की बुनियाद को कमजोर करेगी।’’
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common