आप ने दिल्ली रिज एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई का आरोप लगाया

आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल पर दिल्ली रिज एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई का आरोप लगाया है। आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने 4 साल में 2 करोड़ पेड़ लगाकर पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने की कोशिश की, वहीं भाजपा के उपराज्यपाल ने दिल्ली के रिज एरिया से हजारों पेड़ चोरी-छिपे कटवा दिए। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत आज दिल्ली में कोई भी फैक्ट्री सीएनजी से नहीं बल्कि पीएनजी से चलती है। दिल्ली में देश की सबसे अच्छी ई-वाहन नीति है। ई-वाहन खरीदने पर सब्सिडी दी जाती है। सार्वजनिक परिवहन में बड़ी संख्या में ई-वाहन हैं। इसके साथ ही पिछले दस सालों में दिल्ली में करोड़ों पेड़ लगाए गए हैं। जिसका नतीजा यह है कि दिल्ली का 23 फीसदी से ज्यादा हिस्सा हरित क्षेत्र में आता है। कक्कड़ ने कहा।

दिल्ली सरकार ने पिछले 4 सालों में 2 करोड़ से ज़्यादा पेड़ लगाए हैं। इसके साथ ही 17 सिटी फॉरेस्ट हैं और अब AAP सरकार की तरफ से अलग-अलग जगहों पर 6 और सिटी फॉरेस्ट बनाए जा रहे हैं। एक तरफ आम आदमी पार्टी की सरकार पेड़ लगाकर दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के एलजी दिल्ली के रिज इलाके में चुपके से हज़ारों पेड़ों को काट रहे हैं। खुद केंद्र सरकार कहती है कि एक पेड़ हर साल 22 किलो कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है और बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन पैदा करता है। इसके साथ ही ये पेड़ ग्राउंड वाटर को भी साफ करते हैं और बारिश के पानी को स्टोर करने में मदद करते हैं। इन जीवन देने वाले हज़ारों पेड़ों को बीजेपी के एलजी ने कटवा दिया है। एलजी पेड़ों के हत्यारे हैं। उन्होंने रिज इलाके में हज़ारों पेड़ों को अवैध तरीके से कटवा दिया है। इन पेड़ों को काटने का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में गया तो कोर्ट ने बीजेपी के एलजी को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि एलजी खुद को कोर्ट समझने लगे हैं। बीजेपी के एलजी कई दिनों तक कोर्ट को गुमराह करते रहे और बीजेपी दिल्ली की जनता को गुमराह करती रही। बीजेपी के एलजी पिछले काफी समय से दिल्ली में पेड़ कटवा रहे हैं। दिल्ली के फेफड़े काटकर वो दिल्ली वालों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।

Photo ; Wikimedia

%d bloggers like this: