नयी दिल्ली, सरकार ने बिजली की मांग और घरेलू कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति को देखते हुए आयातित कोयले से संचालित बिजली संयंत्रों को 30 जून, 2024 तक पूरी क्षमता पर काम करने का निर्देश दिया है। बिजली मंत्रालय ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी है। इसके पहले आयातित कोयले पर आधारित (आईएसबी) संयंत्रों को पूरी क्षमता पर संचालित करने के अपने निर्देश को सरकार ने 31 अक्टूबर, 2023 तक बढ़ा दिया था। सरकार ने इस साल मार्च में पहली बार आईएसबी संयंत्रों को बिजली अधिनियम की धारा 11 के तहत पूरी क्षमता से काम करने का निर्देश दिया था। इस धारा के तहत सरकार असाधारण परिस्थितियों में अपने निर्देशों के अनुरूप किसी भी उत्पादन संयंत्र का संचालन एवं रखरखाव करने का निर्देश उत्पादक कंपनी को दे सकती है। मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में कहा है कि केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के साथ परामर्श के बाद सरकार ने आयातित कोयला आधारित उत्पादकों के लिए धारा 11 के तहत दिए गए निर्देश की अवधि 30 जून, 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बिजली मंत्रालय ने कहा है कि बिजली की मांग बढ़ने, घरेलू कोयले की अपर्याप्त आपूर्ति और पनबिजली उत्पादन की कम उपलब्धता को देखते हुए यह जरूरी है कि आयातित कोयला-आधारित उत्पादन संयंत्रों से बिजली उपलब्ध हो। यह अधिसूचना अडाणी पावर मुंद्रा, एस्सार पावर गुजरात, जेएसडब्ल्यू रत्नागिरी और टाटा ट्रॉम्बे समेत तमाम आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों को भेज दी गई है। शुरुआत में इस आदेश की वैधता 16 मार्च से 15 जून, 2023 तक थी। बाद में इसे 30 सितंबर तक और फिर 31 अक्टूबर, 2023 तक बढ़ा दिया गया था।
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