चेन्नई, अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) राजनीतिक गठबंधन के लिए बातचीत कर रही है । लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एमएनएम “सामंती राजनीति” का हिस्सा बनने से परहेज करने वाले और “निस्वार्थ भाव से” राष्ट्र के बारे में सोचने वाले किसी भी गुट का समर्थन करेगी। हासन ने अपनी पार्टी की सातवीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह के बाद यहां पत्रकारों से बातचीत में मशहूर तमिल अभिनेता विजय के हाल में राजनीति में आने का भी स्वागत किया।
यह पूछे जाने पर कि क्या एमएनएम विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) में शामिल होगी, हासन ने कहा, ‘‘मैंने पहले ही कहा है कि यह वक्त दलगत राजनीति से ऊपर उठने और देश के बारे में सोचने का है। जो भी देश के बारे में निस्वार्थ भाव से सोचेगा, मेरी एमएनएम उसका हिस्सा बनेगी।’ उन्होंने कहा कि एमएनएम ‘‘स्थानीय सामंती राजनीति’’ करने वाले दलों के साथ हाथ नहीं मिलाएगी। यह पूछे जाने पर कि क्या वह ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल हो गए हैं, हासन ने कहा, ‘‘नहीं, मैं शामिल नहीं हुआ हूं।’’
एमएनएम के संभावित राजनीतिक गठबंधन पर उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत की जा रही है’’ और इस संबंध में कोई भी ‘‘अच्छी खबर’’ होती है तो वह मीडिया को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संबंधित सभी जानकारी का खुलासा नहीं किया जा सकता। ऐसी अटकलें हैं कि हासन की पार्टी की आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत हो रही है।
एमएनएम ने 2019 का लोकसभा चुनाव और 2021 का तमिलनाडु विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा था, लेकिन वह कोई सीट नहीं जीत पायी थी। इससे पहले दिन में हासन ने एमएनएम की सातवीं वर्षगांठ समारोह के तहत यहां पार्टी मुख्यालय में पार्टी का झंडा फहराया। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की “ईमानदारी और ऊर्जा” ही सब कुछ है और दावा किया कि वह “गुस्से के कारण नहीं बल्कि निराशा के कारण” राजनीति में आए हैं।
उन्होंने कहा कि वह उन लोगों की सेवा करना अपना कर्तव्य मानते हैं जिन्होंने अपने प्यार और स्नेह से उन्हें नाम और प्रसिद्धि दी है। हासन कई फिल्मों में व्यस्त हैं और उन्होंने कहा कि “कोई पूर्णकालिक नेता नहीं हो सकता।” उन्होंने कहा, “कोई पूर्णकालिक पिता, पति नहीं हो सकता…उन्हें सोना होगा, काम करना होगा।”
उन्होंने दावा किया कि पार्टी गठन के बाद उन्हें नुकसान हुआ है। लेकिन हासन ने जोर देकर कहा, “कोई भी मुझे राजनीति छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता,” क्योंकि वह लोगों की सेवा करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं।
उन्होंने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि तमिलनाडु ने अपने किसानों के लिए जो किया है “उसने उसका 10 प्रतिशत भी नहीं किया है।’’ उन्होंने किसानों के आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली सीमा पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की ओर परोक्ष इशारा करते हुए किसानों के रास्ते में कीलें बिछाने की आलोचना की और कहा कि ऐसे कदम केवल देश के दुश्मनों के लिए होते हैं। उन्होंने इसके अलावा, धन के वितरण और अगली जनगणना के आधार पर प्रस्तावित परिसीमन कवायद पर केंद्र की आलोचना करते हुए कहा कि इससे तमिलनाडु जैसे राज्य में लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं, जिसने जनसंख्या नियंत्रण उपायों को “राष्ट्र की सेवा की तरह” प्रभावी ढंग से लागू किया था।
उन्होंने आरोप लगाया, “हमने देश के कल्याण को ध्यान में रखते हुए परिवार नियोजन किया…अब हमें इसकी सजा मिल रही है।” उन्होंने कहा, “यदि आप हमारे विस्तार को समझना चाहते हैं, तो केंद्र एक सर्वेक्षण करे कि कौन सा राज्य अधिक राजस्व उत्पन्न करता है। तमिलनाडु शीर्ष तीन राज्यों में होगा।” उन्होंने दावा किया कि “हमारे द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक रुपये के बदले में केवल 29 पैसे ही हमारे पास वापस आते हैं” लेकिन मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को बहुत अधिक दिया जाता है, “जिनके पास अधिक (लोकसभा) सीटें हैं।” हासन ने कहा कि बिहार का कोई भी निवासी उनके छोटे भाई जैसा है और वह उसकी शुभेच्छा की कामना करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मेरी थाली उसके आगे नहीं परोसी जा सकती।’’उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र को दक्षिण के विकास की कोई चिंता नहीं है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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