संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री मणिपुर घटना पर बयान दें: विपक्ष

नयी दिल्ली, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ के घटक दलों ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की वीभत्स घटना की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पहले संसद के दोनों सदनों में मणिपुर के विषय पर बयान दें तथा फिर इस मुद्दे पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी गठबंधन की पार्टियों के नेताओं ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले बैठक कर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा की।

             राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई इस बैठक में खरगे के अलावा समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और कई अन्य नेता शामिल हुए।  बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘26 पार्टियों वाले ‘इंडिया’ की मांग बिल्कुल स्पष्ट है। प्रधानमंत्री को संसद के दोनों सदनों में 3 मई, 2023 के बाद से मणिपुर में हुए भयावह और दुखद घटनाक्रम पर बयान देना चाहिए और फिर इसके बाद चर्चा होनी चाहिए। यह कार्यसूची में पहले क्रम पर होना चाहिए।’’

  उधर, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, मणिकम टैगोर और कुछ अन्य विपक्षी सांसदों ने मणिपुर के मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को कार्यस्थगन के नोटिस दिए थे। लोकसभा सदस्य तिवारी ने सदन में चर्चा की मांग करते हुए कहा था कि सरकार को मणिपुर की स्थिति के बारे में जानकारी देने के साथ ही यह भी बताना चाहिए कि शांति बहाली के लिए क्या उपाय किये गए। टैगोर ने नोटिस में कहा कि मणिपुर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा के विषय पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा होनी चाहिए तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को राज्य की स्थिति के बारे में सदन में स्पष्टीकरण देना चाहिए।

            कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने नियम 267 के तहत दिए नोटिस में शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य विधायी कार्य स्थगित करके चर्चा की मांग की। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी नियम 267 के तहत नोटिस देकर उच्च सदन में मणिपुर के विषय पर चर्चा का आग्रह किया।  राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने मणिपुर के हालात पर चर्चा कराने पर सरकार की सहमति जतायी। किंतु उच्च सदन में नेता प्रतिपक्ष खरगे और तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इस बात पर बल दिया कि इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सदन में बयान देना चाहिए और उसके बाद कार्यस्थगन प्रस्ताव के नियम के तहत चर्चा करायी जाए।

            मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने की कथित घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों का कहना है कि यह वीडियो मई महीने के शुरुआत का है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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