इमरान की पार्टी ने जयशंकर को प्रदर्शन में शामिल होने का ‘न्योता’ दिया

इस्लामाबाद/लाहौर, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के एक नेता ने कहा है कि पार्टी विदेश मंत्री एस. जयशंकर को यहां अपने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए “आमंत्रित” करने की योजना बना रही है। इस पर सत्तारूढ़ गठबंधन ने शनिवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे “बेहद गैरजिम्मेदाराना” करार दिया। जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के शासनाध्यक्ष परिषद (एससीओ-सीएचजी) की बैठक में भाग लेंगे। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मुहम्मद अली सैफ ने शुक्रवार को जियो न्यूज के एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। सूबे में इमरान खान की पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार है। सैफ ने एक सवाल के जवाब में व्यंग्यात्मक लहजे में कहा “पीटीआई भारत के विदेश मंत्री जयशंकर को आमंत्रित करेगी कि वे आएं और पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हों। हमारे लोगों से बात करें और देखें कि पाकिस्तान में एक मजबूत लोकतंत्र है जहां हर किसी को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है।” संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तथा प्रमुख सत्तारूढ़ साझेदार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता अताउल्लाह तरार ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सैफ द्वारा भारतीय विदेश मंत्री को निमंत्रण दिया जाना “बेहद गैरजिम्मेदाराना” है तथा “पाकिस्तान के प्रति शत्रुता” के समान है। सिंध प्रांत के सूचना मंत्री और एक अन्य सत्तारूढ़ सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता सरजील मेमन ने कहा “आज पीटीआई जयशंकर को अपने विरोध प्रदर्शन के लिए आमंत्रित कर रही है और कल वह इस उद्देश्य के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री को बुलाएगी। यह पार्टी पाकिस्तान विरोधी है और अपने विरोध के माध्यम से एससीओ शिखर सम्मेलन को विफल करना चाहती है।” रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जयशंकर को पीटीआई का निमंत्रण “खान की पार्टी की विश्वसनीयता पर सवालिया निशान लगाता है।” सरकार के मंत्रियों की तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद हालांकि सैफ ने कहा कि जयशंकर के बारे में उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया। पीटीआई विरोध प्रदर्शन कर रही है और दावा कर रही है कि सरकार को संविधान का पालन करना चाहिए और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर देना चाहिए। पार्टी अपने 72 वर्षीय संस्थापक खान की रिहाई की भी मांग कर रहा है जिन्हें एक साल से अधिक समय से जेल में रखा गया है। वर्तमान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद खान को पांच अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया गया था। दर्जनों मामलों का सामना कर रहे खान को उनमें से कुछ में दोषी ठहराया जा चुका है। शनिवार को डी-चौक पर खान द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना के जवानों को तैनात किया गया था। आगामी एससीओ के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना पांच से 17 अक्टूबर तक शहर में रहेगी। अधिकारियों ने पीटीआई कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद में प्रवेश करने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं शहर की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया गया है तथा मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित कर दी गयी हैं। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 जो सार्वजनिक समारोहों राजनीतिक सभाओं और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाती है को रावलपिंडी और इस्लामाबाद में भी लागू कर दिया गया है ताकि किसी भी राजनीतिक सभा या विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाई जा सके।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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