उच्च शिक्षा विभाग के तहत राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने आज नई दिल्ली में डिजिटल लाइब्रेरी प्लेटफॉर्म, राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के लिए एक संस्थागत ढांचा बनाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में राष्ट्रीय पुस्तक ट्रस्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग (DoSE&L) के सचिव संजय कुमार, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।अपने संबोधन में के. संजय मूर्ति ने बच्चों के जीवन में गैर-शैक्षणिक पुस्तकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि ये पुस्तकें उन्हें अपने भविष्य के अध्ययन के क्षेत्र का चयन करने में मदद करती हैं। उन्होंनेउन्होंने राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय में शामिल करने के लिए गुणवत्तापूर्ण पुस्तकें लिखने में अकादमिक संकाय सदस्यों को शामिल करने का भी आग्रह किया। कार्यक्रम में बोलते हुए संजय कुमार ने बच्चों में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय पाठकों के स्थान की परवाह किए बिना चौबीसों घंटे सुलभ होगा, जिससे पुस्तकों की उपलब्धता बढ़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय कई राज्यों में ‘अंतिम मील’ पुस्तकालय पहुंच की समस्या का समाधान करेगा। उन्होंने सामग्री संवर्धन समिति की भूमिका पर प्रकाश डाला, जो मंच के लिए पुस्तकों का चयन करेगी और उम्मीद जताई कि अगले 2-3 वर्षों के भीतर पुस्तकालय में 100 से अधिक भाषाओं में 10,000 से अधिक पुस्तकें होंगी। अर्चना शर्मा अवस्थी ने राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय में गैर-शैक्षणिक शीर्षकों को शामिल करने के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि अंग्रेजी सहित 23 भाषाओं में 1,000 से अधिक पुस्तकें पहले ही जोड़ी जा चुकी हैं। राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय, एक अग्रणी डिजिटल लाइब्रेरी है, जिसका उद्देश्य 22 भाषाओं में 40 से अधिक प्रतिष्ठित प्रकाशकों की 1,000 से अधिक गैर-शैक्षणिक पुस्तकें उपलब्ध कराकर भारतीय बच्चों और युवाओं में पढ़ने के प्रति आजीवन प्रेम पैदा करना है।https://x.com/EduMinOfIndia/status/1797614903319986339/photo/2

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