देहरादून, कांग्रेस की केदारनाथ प्रतिष्ठा रक्षा यात्रा का दूसरा चरण शुक्रवार को केदारनाथ धाम में बाबा केदार के जलाभिषेक के साथ संपन्न हो गया। केदारनाथ मार्ग पर बादल फटने के कारण दो अगस्त को इस पद यात्रा को रुद्रप्रयाग जिले के सीतापुर नामक स्थान पर रोकना पड़ा था। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को उसी स्थान से यात्रा शुरू करते हुए सुबह केदारनाथ पहुंचकर इसका समापन किया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि 24 जुलाई को हरिद्वार में गंगा तट पर हर की पैड़ी से शुरू हुई 252 किलोमीटर की यह यात्रा संपन्न हो गयी है। माहरा ने इसके लिए यात्रा में उनके साथ चलते रहे पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार जताया और उन्हें बधाई भी दी। उन्होंने कहा “हम सब लोग बारिश में कल से लगातार चल रहे हैं । सुबह बाबा केदार के दर्शन कर हमने उनका जलाभिषेक किया और फिर उनके यहां न्याय की अर्जी लगाई।” हालांकि माहरा ने कहा कि यात्रा संपन्न हो गयी है लेकिन केदारनाथ धाम प्रतिष्ठा की लड़ाई अभी जारी है। उन्होंने कहा “जब तक कृष्णा माई की गुफा का नाम फिर बदलकर कृष्णा माई नहीं किया जाता गर्भगृह का कानून तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री माफी नहीं मांगते गर्भगृह में हुई 230 किलोग्राम सोने की चोरी का खुलासा नहीं होता केदारनाथ से दिल्ली के बुराड़ी ले जायी गयी शिला वापस नहीं लाई जाती तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी।” माहरा ने कहा कि उन्होंने बाबा केदार के चरणों में न्याय की अर्जी लगाई है और उनसे प्रार्थना की है कि ऐसी दुष्टता करने वालों को सदबुद्धि दें और अगर वे न मानें तो उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करें। कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों और कारोबारियों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी जमीनों पर तीन मंजिला घर बना दिए हैं जिनमें हर मंजिल अलग-अलग व्यक्ति की है। उन्होंने कहा “केदारनाथ में ऐसा निर्माण हो रहा है जिससे आने वाले समय में विवाद होगा और उसके भयानक परिणाम होंगे।”दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर की प्रतिकृति के निर्माण की योजना के विरोध में कांग्रेस ने यह पदयात्रा शुरू की थी।इस मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए थे लेकिन बाद में केदारनाथ ट्रस्ट दिल्ली ने विरोध को देखते हुए इस योजना को रद्द करने की घोषणा कर दी गयी।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common