उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजदूरों पर माकपा ने चिंता जतायी

नयी दिल्ली, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों की दुर्दशा पर सोमवार को गहरी चिंता जताते हुये मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कहा कि यह समझ पाना बहुत ही दुरूह है कि केंद्र ने बचाव प्रयासों में वैश्विक विशेषज्ञों से सहायता क्यों नहीं मांगी? उत्तराखंड में 12 नवंबर को भूस्खलन के बाद उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग के कुछ हिस्से ढह जाने के बाद से बचाव अभियान चलाया जा रहा है, जिससे 41 निर्माण श्रमिक मलबे के एक विशाल ढेर के पीछे फंस गए हैं।

             एक बयान में, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलित ब्यूरो ने 41 श्रमिकों की दुर्दशा पर ‘गहरी चिंता एवं क्षोभ’ व्यक्त किया। इसमें कहा गया है, ‘घटना को एक सप्ताह बीत चुका है और अब तक, उन्हें बचाने के लिए किए गए प्रयासों को सफलता नहीं मिली है।’ वाम दल ने कहा, ‘यह समझ पाना बहुत दुरूह है कि केंद्र सरकार ने बचाव कार्य के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और एजेंसियों की सहायता क्यों नहीं मांगी। फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए नवीनतम विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।’

             उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित यह सुरंग भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की महत्वाकांक्षी एवं सभी मौसमों में उपयोग में लायी जा सकने योग्य चार मार्ग परियोजना का हिस्सा है।

             प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की।

             एक अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स, बचाव प्रयासों की समीक्षा करने के लिए आपदा स्थल पर पहुंचे। डिक्स जिनेवा स्थित इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख हैं।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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