महाकुंभ नगर, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार को महाकुंभ मेले में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई और कहा कि सनातन संस्कृति की मूल भावना एकात्मता है जहां सारे भेद समाप्त हो जाते हैं। खान ने संगम स्नान के बाद पत्रकारों से कहा “हमें हमेशा यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि सनातन संस्कृति की मूल भावना एकात्मता है जहां सारे भेद समाप्त हो जाते हैं।”
आरिफ मो. खान ने प्रयागराज दौरे के दूसरे दिन कहा “भारत की सनातन संस्कृति का मूल आदर्श एकात्मता है जहां सभी भेद समाप्त हो जाते हैं। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि अगर हम किसी भी मानव को उनके दिव्य रूप में देखें तो हमें यह अहसास होगा कि ‘मानव ही माधव’ का स्वरूप है।”
राज्यपाल खान ने कहा कि महाकुंभ में आकर यह स्पष्ट होता है कि भारत की संस्कृति और परंपरा मानवता को जोड़ने का कार्य करती है तथा यहां मौजूद लोग एक-दूसरे को भले ही न जानते हों लेकिन फिर भी सब एकजुट होकर इस आयोजन में भाग ले रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विरासत आदर्श और मूल्यों को जीवंत रखना आवश्यक है तथा यही वे मूल्य हैं जो हमारे समाज को एकसूत्र में बांधते हैं व समरसता की भावना को मजबूत करते हैं।
खान ने महाकुंभ को भारत की आध्यात्मिक विरासत का गौरव बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि यह आयोजन संपूर्ण विश्व को शांति एकता और सेवा का संदेश देता है।
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