नयी दिल्ली देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहन चालकों को अब बढ़ी हुई दर के साथ टोल चुकाना होगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने सोमवार से टोल शुल्क में औसतन पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है।
एनएचएआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि टोल शुल्क में यह बढ़ोतरी प्राधिकरण की सालाना प्रक्रिया का हिस्सा है। इस प्रक्रिया के तहत एनएचएआई कई मापदंडों को ध्यान में रखते हुए टोल की नई दरों की गणना करता है।
हर साल संशोधित दर को एक अप्रैल से लागू किया जाता है लेकिन इस बार आम चुनावों की प्रक्रिया जारी रहने से इसे टाल दिया गया था। इस बार टोल शुल्क में औसत पांच प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति में होने वाले बदलाव को ध्यान में रखते हुए टोल शुल्क में हर साल संशोधन किया जाता है। अधिकारी ने कहा कि टोल का संशोधित उपयोगकर्ता शुल्क सोमवार से लागू हो गया है।
इसका मतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्गों एवं एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले मोटर चालकों को अब अपनी सड़क यात्रा के लिए टोल केंद्रों पर अधिक पैसे चुकाने होंगे।
दिल्ली-लखनऊ मार्ग से अक्सर यात्रा करने वाले विज्ञापन पेशेवर अंकुर सक्सेना ने कहा ‘‘वाहन ईंधन की लागत पहले से ही अधिक थी। अब टोल दरों में बढ़ोतरी से लोगों के लिए सड़क मार्ग से यात्रा करना और भी महंगा हो जाएगा।’’
राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर लगभग 855 टोल प्लाजा हैं जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम 2008 के अनुरूप उपयोगकर्ता शुल्क लगाया जाता है। इनमें से लगभग 675 सार्वजनिक वित्तपोषित शुल्क प्लाज़ा हैं जबकि 180 प्लाजा का संचालन रियायती इकाइयां करती हैं।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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