नयी दिल्ली, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा सोमवार को घोषित संशोधित परिणामों के अनुसार मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 रह गयी है। एनटीए ने पांच मई को आयोजित की गई परीक्षा में छह केंद्रों पर देरी से परीक्षा शुरू होने के कारण समय के नुकसान की भरपाई के लिए 1 563 परीक्षार्थियों को कृपांक दिए गए थे। इन्हीं परीक्षार्थियों की पुन: परीक्षा आयोजित किए जाने के बाद यह संशोधित परिणाम जारी किया गया है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद 23 जून को सात केंद्रों पर आयोजित की गई पुनः परीक्षा में 1 563 परीक्षार्थियों में से 48 प्रतिशत उपस्थित नहीं हुए थे। एनटीए के अधिकारियों ने बताया कि 1 563 परीक्षार्थियों में से 813 ने दोबारा परीक्षा दी जबकि अन्य ने कृपांक छोड़ने का विकल्प चुना। चंडीगढ़ केंद्र में सिर्फ दो अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी वहां एक भी परीक्षार्थी उपस्थित नहीं हुआ। जांच के घेरे में आये हरियाणा के झज्जर जिले के केंद्र पर 58 प्रतिशत उपस्थिति रही जहां 494 परीक्षार्थियों में से 287 ने पुन:परीक्षा दी। यह आरोप था कि कृपांक की वजह से हरियाणा के एक ही केंद्र से छह परीक्षार्थियों के साथ 61 अन्य उम्मीदवारों को पूरे 720 अंक मिले। उच्चतम न्यायालय ने कृपांक को रद्द करने का आदेश दिया और पुन: परीक्षा का विकल्प दिया। एनटीए के एक अधिकारी ने पहले कहा था ‘‘कम से कम 52 प्रतिशत – 1 563 उम्मीदवारों में से 813 – पुनः परीक्षा में शामिल हुए। चंडीगढ़ में कोई भी अभ्यर्थी उपस्थित नहीं हुआ जबकि छत्तीसगढ़ से उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या 291 गुजरात से एक हरियाणा से 287 और मेघालय से 234 थी।’’ एनटीए की ओर से पांच मई को 571 शहरों में 4 750 केंद्रों पर नीट-यूजी का आयोजन किया गया था जिसमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। लगभग 24 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस बीडीएस आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रश्नपत्र लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण विरोध प्रदर्शन हुए और अदालत में याचिकाएं दायर की गईं और विभिन्न वर्गों ने संपूर्ण रूप से पुन: परीक्षा की मांग की। हालांकि केंद्र ने कहा कि अनियमितताओं की घटनाएं ‘‘स्थानीय स्तर’’ पर हुई थीं और वह उन लाखों उम्मीदवारों के करियर को खतरे में नहीं डाल सकता जिन्होंने उचित तरीके से परीक्षा पास की है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common