बरहमपुर (ओडिशा) ओडिशा के पांच जिलों में केंद्र सरकार की योजना के तहत खेलों इंडिया केंद्र (केआईसी) खोले जायेंगे। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। नये केआईसी तीन खेलों से जुड़े होंगे और ये केंद्र गंजम गजपति झारसुगुड़ा नयागढ़ और देवगढ़ जिलों में खोले जाएंगे। खेलो इंडिया बास्केटबॉल केंद्र गंजम जिले के क्वीन ऑफ मिशन हाई स्कूल में खोला जाएगा। खेलो इंडिया खो-खो केंद्र क्रमशः गजपति और झारसुगुड़ा जिलों के एसवीटी हाई स्कूल और आरके स्कूल में खोले जाएंगे। फुटबॉल के लिए केंद्र क्रमशः देवघर और नयागढ़ जिलों में तेलीबानी पीएस हाई स्कूल और नारायण हाई स्कूल में खोला जाएगा। इसमें से तेलीबानी पीएस हाई स्कूल को छोड़कर सभी स्कूल सरकारी है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने गुरुवार को इस मामले से जुड़े प्राधिकारी द्वारा परियोजना को मंजूरी दिए जाने के बाद हाल ही में ओडिशा सरकार को केंद्र खोलने के बारे में सूचित किया है। साइ को केंद्र चलाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक खेल के लिए प्रस्तावित पांच केंद्रों के लिए कोच या सलाहकार अगले दो महीनों में नियुक्त किए जाएंगे जिसमें पूर्व चैंपियन एथलीटों को प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त करने का प्रावधान है। योजना के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए प्रतिभा पूल की पहचान संबंधित पूर्व चैंपियन एथलीटों या संगठनों द्वारा की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक केंद्र को पुरुष और महिला प्रशिक्षुओं का समान अनुपात रखने का प्रयास करना चाहिए। बरहामपुर के सांसद प्रदीप कुमार पाणिग्रही ने सरकार द्वारा उनके संसदीय क्षेत्र में खेलो इंडिया योजना के दो केंद्रों को मंजूरी दिए जाने पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने कहा ‘‘इससे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। उन्हें देशभर में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।’’ भारोत्तोलन में राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता के रवि कुमार ने कहा कि केंद्रों को उचित कोचिंग और अच्छी बुनियादी सुविधाएं देकर राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के एथलीटों को तैयार करने में मदद की जाएगी। खेलो इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार ओडिशा के 30 में से 25 जिलों के लिए नौ खेलों में 26 केआईसी को मंजूरी दी गई है जिनमें से छह ने अब परिचालन शुरू कर दिया है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common