कई अपील के बाद भी केंद्र रायचूर में एम्स की मंजूरी देने में विफल रहा : मंत्री

बेंगलुरु,  कर्नाटक के मंत्री एन एस बोसराजू ने बुधवार को कहा कि 1 000 दिनों के अथक संघर्ष और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया  मंत्रियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर से की गयी कई अपील के बावजूद  केंद्र रायचूर में एम्स की मंजूरी के संबंध में सकारात्मक जवाब नहीं दे पाया है।

             बेसराजू ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार में मंत्री पद पर आसीन कर्नाटक के भाजपा नेता ‘एनएचएम’ और ‘पीएम-एबीएचआईएम’ योजनाओं के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि का महज सुझाव देकर राजनीतिक पैंतरेबाजी कर रहे हैं।

             राज्य के लघु सिंचाई  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बोसराजू ने प्रेसवार्ता में कल्याण कर्नाटक क्षेत्र की बार-बार उपेक्षा करने तथा वहां के लोगों के खिलाफ घोर अन्याय करने के लिए केंद्रीय भाजपा नेतृत्व की आलोचना की।

             उन्होंने दावा किया  ‘‘केंद्र सरकार व्यवस्थित रूप से रायचूर को उसके सामाजिक  राजनीतिक एवं आर्थिक विकास से वंचित कर रही है। हमारे संघीय ढांचे के अनुसार  केंद्र को हर राज्य के लिए सामाजिक  आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करना है। लेकिन  जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है  संघवाद के मूल सिद्धांतों को उलट दिया गया है। कर्नाटक की वैध मांगों के प्रति केंद्र की निरंतर उपेक्षा संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है।’’

             उन्होंने कहा  ‘‘हमारी सरकार ने रायचूर में एम्स को मंजूरी देने के लिए विभिन्न स्तरों पर दस से अधिक आधिकारिक अनुरोध किए हैं। 22 अगस्त  2023 को  मेरे और रायचूर के प्रभारी मंत्री समेत एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की तथा एक औपचारिक अनुरोध सौंपा।

             बाद में  मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को मंजूरी के लिए पत्र लिखा था।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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