कोलकाता, कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी अब भी ममता बनर्जी के निष्कासन से लगे झटके से उबरी नहीं है इससे राज्य में उसकी स्थिति कमजोर हुई है। र्व सांसद भट्टाचार्य ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने पार्टी के रुख के खिलाफ टिप्पणी करने के कारण 1997 में तत्कालीन पार्टी प्रमुख सीताराम केसरी के निर्देश पर बनर्जी को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। भट्टाचार्य ने दावा किया कि उन्होंने मित्रा को इस निर्णय के खिलाफ सलाह दी थी लेकिन आलाकमान की ओर से दबाव बहुत अधिक था। उन्होंने शनिवार को कोलकाता में मित्रा की एक प्रतिमा के अनावरण समारोह में यह टिप्पणी की। मित्रा का 2020 में निधन हो गया था। भट्टाचार्य ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘‘निष्कासन ने कांग्रेस को कमजोर कर दिया और हम अब भी इससे उबर नहीं पाए हैं। लेकिन ताकत हासिल करने के लिए हमें एकजुट रहना चाहिए और सोनिया गांधी राहुल और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे हमारे केंद्रीय नेताओं के निर्देशों का पालन करना चाहिए।’’ जनवरी 2011 से फरवरी 2014 तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी को अपना आधार फिर से बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बनर्जी लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद 1998 में तृणमूल कांग्रेस का गठन किया और अपनी पार्टी को 2011 में मार्क्सवादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) नीत वाम मोर्चा की 34 साल पुरानी सरकार को अपदस्थ कर सत्ता में लाईं।भट्टाचार्य की टिप्पणी से राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भट्टाचार्य की टिप्पणी के समय पर सवाल उठाया। उन्होंने जाहिर तौर पर राज्य में आगामी राज्यसभा चुनाव से इसके जुड़े होने का संकेत दिया। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने कहा ‘‘वह सही हैं। राज्य में कांग्रेस वाम मोर्चे के साथ गठबंधन में थी जिसने इसके पतन में योगदान दिया।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common