जयपुर, आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की राजस्थान इकाई को करारा झटका देते हुए राज्य की पूर्व सरकार में मंत्री रहे राजेंद्र यादव और लाल चंद कटारिया सहित 1370 नेताओं ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।
कांग्रेस के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ी लाल बैरवा, पूर्व निर्दलीय विधायक और गुजरात की पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल, कांग्रेस सेवा दल के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश चौधरी, पार्टी नेता रामपाल शर्मा, रिजु झुनझुनवाला और अन्य नेता भी भाजपा में शामिल हुए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी छोड़ने वाले इन नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो नेता कांग्रेस छोड़कर जा रहे हैं उन्हें पार्टी ने पहचान दी, केन्द्रीय मंत्री, राज्य सरकार में मंत्री बनाया, बड़े पदों पर बैठाया लेकिन वे मुश्किल वक्त में पार्टी छोड़कर भाग रहे हैं।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कई लोग कह रहे हैं कि उनके (नेताओं) ऊपर केन्द्रीय एजेसिंयों का दबाव है इसलिए भाजपा में जा रहे हैं। ये वक्त किसी दबाव के आगे झुकने का नहीं बल्कि लोकतंत्र को बचाने और देश के भविष्य के लिए संघर्ष करने का है।’’
बीते कुछ दिनों के भीतर कांग्रेस की राज्य इकाई के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है। हाल ही में कांग्रेस नेता और पूर्व सरकरा में मंत्री रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीय भाजपा में शामिल हुए थे।
मालवीय को भाजपा ने बांसवाड़ा से लोकसभा चुनाव के लिये उम्मीदवार बनाया है। जयपुर में भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने इन नेताओं का पार्टी में स्वागत किया।
भाजपा का दामन थामने वाले लाल चंद कटारिया और राजेंद्र यादव अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे थे।
कटारिया, पूर्व संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे थे।
भाजपा में शामिल होने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कटारिया ने कहा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज पर भाजपा में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों, गरीबों और आम आदमी के दुख-दर्द को समझती है।उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही थे, जिन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मुद्दे को सुलझाने का काम किया।पूर्व कांग्रेस सरकार में अनुसूचित जाति (एससी) आयोग के अध्यक्ष रहे खिलाड़ी लाल बैरवा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह उनसे (गहलोत) एससी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का अनुरोध करते रहे लेकिन उन्होंने हमेशा उनकी मांग को नजरअंदाज किया।उन्होंने कहा, ”तत्कालीन मुख्यमंत्री एससी समुदाय के लोगों को अपना गुलाम मानते थे।”बैरवा कहा कि भाजपा, एससी समुदाय को प्रोत्साहित करती है।पूर्व मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटें जीतेगी।
कुछ वक्त पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने दोपहर के भोजन (मिड डे मील) में कथित धोखाधड़ी मामले में राजेंद्र यादव से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी।
उस समय यादव, अशोक गहलोत सरकार में मंत्री थे।वहीं रिछपाल मिर्धा, पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा के चाचा हैं। ज्योति मिर्धा 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुई थीं और भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए नागौर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है।
मिर्धा परिवार जाट बहुल नागौर और आसपास के इलाकों में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली माना जाता है।रिछपाल मिर्धा ने भाजपा में शामिल होने पर कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जाट समुदाय को आरक्षण दिया था जबकि मोदी सरकार ने किसान के बेटे जगदीप धनखड़ को भारत का उपराष्ट्रपति बनाया।उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं देश में जाट समुदाय से तीन राज्यपाल भी हैं।उन्होंने सवाल किया कि “कांग्रेस ने हमें क्या दिया?”भाजपा से अलग होकर ‘जनता सेना’ नाम की पार्टी बनाने वाले पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर ने भी भाजपा का दामन थाम लिया।
भींडर ने कहा कि वे कुछ कारणों से भाजपा से अलग हुए थे लेकिन 11 वर्षों के संघर्ष के दौरान उन्होंने कभी कांग्रेस का हाथ नहीं थामा और अब वह अपने परिवार में लौट आये हैं।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस ने किसानों के नाम पर वोट मांगे लेकिन उन्हें धोखा दिया।
उन्होंने कांग्रेस पर केंद्र में अपने शासन के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले करने का भी आरोप लगाया और कहा कि मोदी शासन के दौरान भारत ने प्रगति की है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common