मुंबई, कांग्रेस और राकांपा (एसपी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के राज ठाकरे की बीच की मुलाकात को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है और अगर वह मनसे प्रमुख के साथ गठबंधन करती है तो फिर उत्तर भारतीयों से वोट कैसे मांगेगी? ठाकरे ने मंगलवार को नयी दिल्ली में शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह संकेत मिले थे कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करने के मकसद से उन्हें साथ ला सकती है।
मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर ने बाद में कहा था कि दोनों नेताओं के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर हुई बातचीत “सार्थक” रही और एक-दो दिन में विवरण साझा किया जाएगा।
भाजपा समेत विभिन्न राजनीतिक दल उत्तर भारतीयों के बारे में ठाकरे के विवादित बयानों को लेकर पहले ही उनकी तीखी आलोचना कर चुके हैं। शाह से ठाकरे की मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा, “राज ठाकरे के साथ गठबंधन करने के बाद भाजपा उत्तर भारतीयों के वोट कैसे मांगेगी? भाजपा ने उत्तर भारतीयों से न केवल विश्वासघात किया बल्कि जख्मों पर नमक छिड़ककर उनके सम्मान को भी ठेस पहुंचाई।”
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की राज्य इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पूछा कि क्या बहुमत में होने के बावजूद भाजपा का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है। उन्होंने पूछा, “भाजपा को नए साझेदारों की जरूरत क्यों महसूस हुई?” मनसे के उपाध्यक्ष वागीश सारस्वत ने कहा कि राज ठाकरे को दिल्ली में भाजपा नेतृत्व ने बैठक के लिए बुलाया था। सारस्वत ने कहा, “उन्होंने कल मुंबई में मनसे नेताओं और पदाधिकारियों की एक बैठक बुलाई है ताकि उनकी राय ली जा सके कि गठबंधन का प्रस्ताव स्वीकार किया जाना चाहिए या नहीं।”
उन्होंने कहा, “अगर हम अकेले चुनाव लड़ेंगे तो हमने मुंबई, ठाणे, पुणे और नासिक में 14 से 18 सीट पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है। नहीं तो गठबंधन में हमें कितनी सीटें मिलेंगी, इसके आधार पर हम चुनाव लड़ेंगे।”
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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