लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी जाति मत-मजहब अथवा संप्रदाय उनके ईष्ट देवी-देवता महापुरुषों अथवा साधु-संतों के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
त्योहारों के दृष्टिगत सोमवार को मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक अपर मुख्य सचिव गृह एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मत संप्रदाय की आस्था का सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महापुरुषों के प्रति प्रत्येक नागरिक के मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए लेकिन इसके लिए किसी को बाध्य नहीं किया सकता और जबरन किसी पर कुछ थोपा भी नहीं जा सकता।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर आस्था के साथ खिलवाड़ करेगा महापुरुषों देवी-देवता संप्रदाय आदि के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करेगा तो उस पर कानून के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा ‘‘लेकिन सभी मत मजहब सम्प्रदाय के लोगों को एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। विरोध के नाम पर अराजकता तोड़-फोड़ अथवा आगजनी स्वीकार नहीं है और जो कोई ऐसा दुस्साहस करेगा उसे उसकी कीमत चुकानी होगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि शारदीय नवरात्रि एवं विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास हर्ष उल्लास शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल के बीच संपन्न हो यह प्रत्येक जनपद-प्रत्येक थाना को सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने प्रशासन को कानून के विरुद्ध कार्य करने वालों के साथ सख्ती से निपटने का निर्देश दिया।
महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में गश्त तेज की जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी विभाग मिलकर काम करें।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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