नयी दिल्ली, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ”हानिकारक मंसूबों वाली कुटिल ताकतें” भारत के संवैधानिक लोकतंत्र की छवि धूमिल करना चाहती हैं। भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के परिवीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे आग्रह किया कि वे देश की सेवा करते समय नवोन्वेषी बनें व लीक से हटकर सोचें और ऐसे प्रयासों को नाकाम करें। उन्होंने कहा,“हमारे पास मौजूद समृद्ध मानव संसाधन के कारण देश का भविष्य बहुत उज्ज्वल है। आप इसका प्रतिनिधित्व करते हैं, इसकी मिसाल हैं, आपने इसे साबित किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत आज निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थल और आशा की किरण बन गया है।
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