केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर छत्तीसगढ़ के नक्सली हिंसा के पीड़ितों से बातचीत की। इनमें बस्तर शांति समिति के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के नक्सली हिंसा से प्रभावित 55 लोग शामिल थे। बस्तर शांति समिति ने छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित लोगों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए एक वृत्तचित्र भी दिखाया। कुछ पीड़ितों ने गृह मंत्री से अपनी पीड़ा साझा की शाह ने कहा कि नक्सलियों ने न केवल अपने फायदे के लिए कई लोगों के अधिकार छीने, बल्कि उनकी हिंसा, उनके आईईडी, उनकी गोलियों और बारूद ने कई लोगों को मार डाला या उन्हें जीवन भर के लिए विकलांग बना दिया। जो लोग सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए उग्रवादियों के मानवाधिकारों की बात करते हैं, उन्हें इन लोगों के मानवाधिकार नहीं दिखते जो बिना आंखों, बिना हाथों और बिना पैरों के जीने को मजबूर हैं। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा से प्रताड़ित बहनों और भाइयों से बात करके वह बेहद भावुक हो गए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार 2 साल के भीतर नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने और उनके क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।