आप का कहना है कि दिल्ली से केंद्र को 2 लाख करोड़ से ज्यादा टैक्स जाता है, लेकिन बदले में दिल्ली को कुछ नहीं मिलता। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि 2 लाख करोड़ से ज्यादा टैक्स देने के बावजूद दिल्ली को केंद्र से कुछ नहीं मिलता। आतिशी ने कहा कि मुंबई केंद्र सरकार को 5 लाख करोड़ टैक्स भेजता है। बदले में केंद्र महाराष्ट्र सरकार को 54 हजार करोड़ रुपये देता है। बेंगलुरु से केंद्र को करीब 2 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स जाता है। बदले में केंद्र को 33 हजार करोड़ रुपये मिलते हैं। दिल्ली से केंद्र को 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्स जाता है, लेकिन बदले में उसे कुछ नहीं मिलता। इस बार बजट में दिल्लीवासियों की मांग है कि दिल्ली को उसका हक मिले। आतिशी ने कहा, ‘दिल्ली के साथ जो हो रहा है, क्या वह दुनिया में कहीं और हो रहा होगा। क्या अमेरिकी सरकार न्यूयॉर्क से पैसा लेगी और बदले में एक पैसा नहीं देगी? क्या जापान सरकार टोक्यो के साथ और ब्रिटिश सरकार लंदन के साथ ऐसा करेगी? मुझे नहीं लगता कि ऐसा होगा। आज केंद्र सरकार भी दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। आतिशी ने कहा कि दिल्ली के लोग केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें आयकर के रूप में दिए जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये में से 10 हजार करोड़ रुपये मिलने चाहिए। यह राशि केंद्र सरकार के बजट का केवल 0.25% है। यह राशि दिल्लीवासियों के आयकर का केवल 5% है। केंद्र को दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले बाकी पैसे को देश में सड़कों और अस्पतालों जैसे कामों पर खर्च करना चाहिए लेकिन दिल्ली को भी उसके हिस्से का पैसा दिया जाना चाहिए। आतिशी ने संवाददाताओं से कहा, “2001 में केंद्र सरकार दिल्ली को 325 करोड़ रुपये देती थी। उस समय दिल्ली सरकार का बजट 8 हजार करोड़ रुपये था। यह 325 करोड़ रुपये पिछले 20 सालों से मिल रहे थे। लेकिन पिछले साल से केंद्र सरकार ने दिल्ली को एक भी रुपया नहीं दिया है।”Photo : Wikimedia