चेन्नई, अन्ना विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि उसके यहां एमटेक जैव प्रौद्योगिकी एवं एमटेक कम्प्यूटेशनल टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में कोई प्रवेश नहीं दिया गया।
विश्वविद्यालय ने यह जानकारी दो विद्यार्थियों की याचिकाओं के जवाब में दाखिल हलफनामें में दी। इन विद्यार्थियों ने दावा किया था कि विश्वविद्यालय कुल 49.5 प्रतिशत आरक्षण में ही 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण दे रहा है।
न्यायमूर्ति बी पुगलेंणधि ने विश्वविद्यालय का जवाबी हलफनामा रिकॉर्ड में शामिल करने के साथ ही याचिकाएं बंद कर दी है।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने केंद्र प्रायोजित इन दो पाठ्यक्रमों को पहले रद्द कर दिया था क्योंकि सरकार ने जोर दिया था कि इनमें केवल 49.5 प्रतिशत आरक्षण होना चाहिए जबकि राज्य सरकार तमिलनाडु के अनुरूप 69 प्रतिशत आरक्षण देने पर जोर दे रही थी।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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