दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से इमामों को खुश करने के लिए 18,000 रुपये प्रतिमाह देने वाली आप सरकार को अब चुनावी मौसम में गुरुद्वारों के पुजारी और ग्रंथी याद आए हैं। उसने मौलवियों को 10 साल तक वेतन देने की बात की, लेकिन पुजारी और ग्रंथी याद नहीं आए। आज जब मौलवी भी ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, तो केजरीवाल ध्यान भटकाने के लिए दूसरा चुनावी नारा दे रहे हैं। यह वही अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्होंने सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वाले केजरीवाल अब मंदिरों के पुजारियों के प्रति हमदर्दी दिखाने का दिखावा कर रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, केजरीवाल का पुजारियों के प्रति प्रेम बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब यह दिखावा नहीं चलने वाला है। भाजपा दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आज दिल्ली भाजपा और उसके पुजारी प्रकोष्ठ द्वारा 2 साल से अधिक समय से चलाए जा रहे आंदोलन के दबाव के कारण अरविंद केजरीवाल को पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना की घोषणा करनी पड़ी। केजरीवाल जानते थे कि दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका के कारण उन्हें मौलवियों का वेतन भत्ता रोकना पड़ेगा, इसलिए केजरीवाल ने कोर्ट को गुमराह करने के लिए पुजारी ग्रंथी योजना की घोषणा की है। दिल्ली की महिलाएं हों, पुजारी हों या ग्रंथी, आज सबके मन में अरविंद से एक ही सवाल है कि क्या आपकी पंजाब सरकार ऐसा कोई वेतन भत्ता दे रही है? “भाजपा लंबे समय से पुजारियों के लिए भत्ते की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है। इस मांग को लेकर हम कई बार आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव कर चुके हैं…केजरीवाल उन पुजारियों के श्राप से बच नहीं सकते। अब उन्हें भगवान राम की याद आ रही है, जब चुनाव आ रहे हैं। हम इस मामले को कोर्ट में ले गए हैं और इस मामले की सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी। अब उन्होंने यह योजना इसलिए घोषित की है, ताकि वे यह जवाब न दें कि 2013 से मौलवियों और इमामों को भत्ता क्यों दिया जा रहा है और पुजारियों को क्यों नहीं।” सचदेवा ने कहा।https://x.com/Virend_Sachdeva/status/1873707784849752386/photo/1