तिरुवनंतपुरम, केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने मंगलवार को कहा कि पिछले सप्ताह मलप्पुरम जिले में निपाह संक्रमण से मरने वाले 24 वर्षीय व्यक्ति के संपर्क में आए 13 लोगों के नमूनों में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुयी है। मंत्री ने यहां पत्रकारों को बताया कि मृत व्यक्ति के संपर्क में आए कुल 175 लोगों में से उच्च जोखिम श्रेणी में शामिल 13 लोगों के नमूनों की मलप्पुरम के मंजेरी सरकारी मेडिकल कॉलेज में जांच की गई जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग उनके संपर्क में आए अधिकतम लोगों की पहचान करके उन्हें निवारक दवा देकर रोग के प्रसार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा ‘‘उच्च जोखिम वाले लोगों और किसी भी तरह के लक्षण वाले व्यक्तियों के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं और उन्हें जांच के लिए भेजा जा रहा है। मंगलवार को और लोगों के नमूने एकत्र किए जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि बीमारी के फैलने की संभावना कम है फिर भी लक्षण वाले प्रत्येक व्यक्ति के नमूनों की जांच की जाएगी।
जॉर्ज ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग लगातार केंद्र एवं कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है जहां पीड़ित अध्ययन कर रहा था। उन्होंने कहा कि उसके सहपाठियों और दोस्तों समेत जो लोग उसके संपर्क में थे उनका पता लगा लिया गया है। मंत्री ने कहा कि निरुद्ध क्षेत्र में प्रतिबंध जारी रहेंगे।
केरल सरकार ने मलप्पुरम के निरुद्ध क्षेत्रों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं जहां हाल ही में निपाह संक्रमण के कारण 24 वर्षीय एक युवक की मृत्यु हो गई थी। मलप्पुरम जिले की दो पंचायतों के पांच वार्डों को निरुद्ध क्षेत्र घोषित किया गया हैं।
जिला प्रशासन ने निरुद्ध क्षेत्रों में स्थित दुकानों को शाम सात बजे बंद करने को कहा है। सिनेमा हॉल स्कूल कॉलेज मदरसे आंगनवाड़ी और ट्यूशन सेंटर बंद रहेंगे। इस बीच मलप्पुरम जिले में आंशिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। अधिकारियों ने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने को कहा है। जिले में शादियों अंतिम संस्कारों और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की संख्या कम करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। कोझिकोड जिले में 2018 2021 और 2023 में तथा एर्णाकुलम जिले में 2019 में निपाह का प्रकोप सामने आया था।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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