केरल सरकार की बांध, बैकवॉटर पर ‘सीप्लेन’ परिचालन की योजना

नयी दिल्ली,  केरल विभिन्न बांधों और बैकवॉटर पर ‘सीप्लेन’ यानी समुद्री विमान के परिचालन की योजना बना रहा है। राज्य पर्यटकों को अधिक संपर्क विकल्प प्रदान करना चाहता है। प्राचीन पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध राज्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है। वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में सीप्लेन पर्यटन  हेलिपोर्ट और हवाई पट्टियों को विकसित करने की योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने का प्रस्ताव है।

             केरल के पर्यटन मंत्री पी. ए. मोहम्मद रियास ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा है कि सरकार सीप्लेन पर विचार कर रही है।  उन्होंने कहा  ‘‘ केरल में बहुत सारे बांध हैं… उदाहरण के लिए  पलक्कड़ जिले में  हमारे पास मलमपुझा बांध है और हम वहां इसका (सीप्लेन) इस्तेमाल कर सकते हैं… हम बांध से बांध तक सीप्लेन उड़ाने पर ध्यान दे रहे है। इसके लिए हमने कई अन्य विभागों के साथ भी चर्चा की है।’’

             रियास ने इस बात पर जोर दिया कि वह सीप्लेन और ‘हेलिटूरिज्म’ के लिए आने वाले सभी निजी निवेशों का समर्थन करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा  ‘‘ केंद्र सरकार की भी अपनी भूमिका है। हमने केंद्र सरकार के साथ चर्चा की है।’’ केरल के वित्त मंत्री के एन. बालगोपाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सीप्लेन  हेलिकॉप्टर और छोटे विमानों के परिचालन पर विचार किया जा रहा है।

             उन्होंने कहा  ‘‘ हम बांधों  बैकवॉटर और हमारे पास बहुत सारे जल निकाय हैं  वहां सीप्लेन का इस्तेमाल कर सकते हैं।’’ उन्होंने कोच्चि में हाल ही में संपन्न निवेशक केरल वैश्विक शिखर सम्मेलन के अवसर पर यह बात कही।  केरल में 2024 में 2.22 करोड़ से अधिक पर्यटक आए जो कोविड-19 वैश्विक महामारी के पहले की अवधि की तुलना से 21 प्रतिशत अधिक है।

             बजट में इडुक्की  वायनाड और कासरगोड में हवाई पट्टियों की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) और प्रारंभिक गतिविधियों की तैयारी के लिए 50-50 लाख रुपये भी आवंटित किए गए हैं।  बैकवॉटर नदी का वह भाग है जिसमें बहुत कम या कोई धारा नहीं होती है। अकसर इसमें पानी एक जगह ठहरा होता है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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