दिल्ली भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिसे लोकप्रिय रूप से “शीशमहल” के रूप में जाना जाता है। सचदेवा ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें शुरू में 2022 तक खर्च ₹33.66 करोड़ आंका गया था। हालांकि, 11 अक्टूबर, 2024 की एक बाद की लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) रिपोर्ट से पता चला कि कई गायब वस्तुओं ने कुल लागत को अनुमानित ₹75-80 करोड़ तक बढ़ा दिया।
सचदेवा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर अनैतिक शासन का आरोप लगाया और दावा किया कि कैग रिपोर्ट ने परियोजना के बारे में 139 महत्वपूर्ण सवालों को उजागर किया है। इनमें बंगले को मुख्यमंत्री के निवास के रूप में अधिकृत करने का औचित्य और दिल्ली शहरी कला आयोग (डीयूएसी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से मंजूरी के बिना निर्माण की वैधता शामिल है। सचदेवा ने कहा, “कैग रिपोर्ट केजरीवाल के काले कारनामों और कुटिल सोच को उजागर करती है।” उन्होंने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री बिना उचित अनुमति के इस तरह के भव्य आवास का निर्माण करके क्या संदेश दे रहे हैं। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की जनता अब बदलाव की मांग कर रही है। उन्होंने कहा, “लोग कह रहे हैं, ‘हम अब AAP को बर्दाश्त नहीं करेंगे; हम इसे बदल देंगे।'”
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