क्या फारूक अब्दुल्ला खुद को पाकिस्तान सरकार का पीआरओ समझते हैं: भाजपा

नयी दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या वह खुद को पाकिस्तान सरकार का ‘स्वयंभू दूत या पीआरओ’ (जन संपर्क अधिकारी) मानते हैं क्योंकि वह भारत और पड़ोसी देश के बीच वार्ता का आह्वान करते रहते हैं। भाजपा महासचिव एवं केंद्रशासित प्रदेश के प्रभारी तरुण चुघ ने एक बयान में आरोप लगाया कि नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने जम्मू-कश्मीर की प्रगति एवं विकास से ज्यादा पाकिस्तान के मुद्दे की वकालत की। उन्होंने पूछा ‘‘क्या फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान सरकार के स्वयंभू दूत या पीआरओ हैं जो जम्मू-कश्मीर की प्रगति और विकास के बारे में बात करने से ज्यादा पाकिस्तान के मुद्दे की वकालत करते रहते हैं ’’ आतंकवाद के साथ-साथ वार्ता जारी नहीं रखे जाने संबंधी केंद्र सरकार के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए चुघ ने कहा कि यह अजीब है कि अब्दुल्ला यह जानते हुए भी ‘राष्ट्र विरोधी’ भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं कि पाकिस्तान पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद की फैक्ट्री है। चुघ ने दावा किया कि अब्दुल्ला और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास की कीमत पर पाकिस्तान की धुन पर नाच रहे हैं।कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच मौजूदा चुनावों में गठबंधन है।चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को पिछले कई वर्षों में नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा किए गए नुकसान का एहसास हुआ है।उन्होंने कहा कि लोग अब उद्योगों का विकास पर्यटन में वृद्धि और युवाओं के लिए रोजगार चाहते हैं। चुघ ने कहा ‘‘उन्हें गोलियां और पत्थर नहीं चाहिए।’’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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