जयपुर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार क्रेडिट सहकारी सोसायटियों की धोखाधड़ी से लोगों के बचाव के लिए जरुरत पड़ने पर कानून बनाएगी।
गहलोत ने विधानसभा में कहा कि राज्य के लाखों लोग क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों की धोखाधड़ी का शिकार हुये हैं जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पक्ष व विपक्ष की राय से ऐसा कानून बना सकती है जिससे ना सिर्फ अपराधी को सजा मिले, बल्कि धोखाधड़ी के शिकार लोगों को उनका पैसा भी वापस मिल सके।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा पुरजोर प्रयास किये जाएंगे।
गहलोत ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में उठाये गये मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जिन लोगों के पैसे डूबे हैं उनमें अधिकतर पेंशनर या ग्रामीण हैं जो अधिक ब्याज के लालच में पैसा जमा कराते हैं। ये कंपनियां भाग जाती हैं या अपने ऑफिस बंद कर देती हैं और लोग अपनी जीवन भर की कमाई गवा देते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए जांच विशेष कार्यबल (एसओजी) द्वारा की जा रही है। वर्तमान में अदालत के फैसले के बाद ही पैसों की रिकवरी संभव हो पाती है। इस मामले में केन्द्र सरकार को भी आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
इससे पहले सहकारिता राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने विधायकों के पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटियों द्वारा धोखाधड़ी के प्रकरणों पर लगाम लगाने के लिए ‘द बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपोजिट स्कीम एक्ट-2019’ बनाया गया है। इस कानून से राज्य सरकार को भी इन कंपनियों पर कार्रवाई के अधिकार मिलेंगे। राज्य सरकार द्वारा भी नियम बनाकर केन्द्र सरकार को भेजे गये हैं, जिससे आने वाले समय में उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य के अंतर्गत आने वाली ऐसी सोसायटियों के खिलाफ एसओजी में कई मामले चल रहे हैं।
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया