नयी दिल्ली, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को उच्च सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को उनके 81वें जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि उनके विवेक व हास-परिहास का अंदाज सताते हुए मौसम को भी बदल देता है। कर्नाटक के दलित परिवार में जन्मे खरगे एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। वह करीब ढाई दशक बाद पहले ऐसे कांग्रेस अध्यक्ष बने जो गांधी परिवार से नहीं हैं। उन्होंने पार्टी में तथा अपने गृह राज्य और केंद्र में सरकारों में कई पदों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। खरगे के राजनीतिक सफर का उल्लेख करते हुए धनखड़ ने कहा, ‘‘उनकी बुद्धि व उनके हास-परिहास के अंदाज को सदन ने भी देखा है और मैंने इसे निजी रूप में भी महसूस किया है। खरगे जी के विवेक व हास-परिहास का अंदाज सताते हुए मौसम को भी बदल देता है।’’
हालांकि खरगे इस दौरान सदन में मौजूद नहीं थे। सभापति ने बताया कि खरगे ने बृहस्पतिवार को अपने गृह राज्य कर्नाटक के लिए रवाना होने से पहले उनसे उनके कक्ष मुलाकात की थी। धनखड़ ने कहा, ‘‘मुलाकात के दौरान मौसम बिल्कुल ठीक था। अपनी और सदन की तरफ से मैं उन्हें जन्मदिन की बधाई देता हूं और उनके स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।’’ इस दौरान सदन के सदस्यों ने मेज थपथपाकर खरगे को जन्मदिन की बधाई दी।
इससे पहले, सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर धनखड़ जैसे ही आसन पर पहुंचे उन्होंने सभी का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसी दौरान सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए। इसके जवाब में कुछ विपक्षी सदस्यों ने ‘जय बजरंग बली’ और ‘बजरंग बली की जय’ के नारे लगाए। इस पर धनखड़ ने कहा, ‘‘अच्छा लगता है।’’ सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस पर कहा, ‘‘इनको (विपक्ष) भी अंतत: याद आ ही गए।’’ उल्लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वहां की विपक्षी कांग्रेस पर भगवान हनुमान के अपमान का आरोप लगाया था। इसके खिलाफ कांग्रेस ने ‘जय बजरंग बली’ का नारा बुलंद किया था। चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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