नयी दिल्ली, लोकसभा में पेरिस ओलंपिक के विषय पर चर्चा के दौरान खेल संघों में राजनीति का विषय उठा तो संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि इन संघों में चुनाव के माध्यम से अध्यक्ष और सचिव चुने जाते हैं तो राजनीति होनी ही है वहीं तृणमूल कांग्रेस सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि अगर खेल संघों में लड़ाई होगी तो खेल मंत्रालय की क्या जिम्मेदारी है। सदन में नियम 193 के तहत ‘आगामी ओलंपिक में भारत की तैयारी’ विषय पर चर्चा के दौरान जब समाजवादी पार्टी के सदस्य नीरज मौर्य ने खेल संघों में राजनीतिक लोगों के चुने जाने और प्रतिद्वंद्विता सामने आने का जिक्र किया तो संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने कहा कि खेल संघों में चुनाव होते हैं तो राजनीति तो होगी ही। मौर्य ने पिछले साल जंतर मंतर पर महिला पहलवानों के प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा ‘‘खेलों से राजनीति दूर हो। अगर ऐसा नहीं हुआ तो जंतर मंतर पर जो हुआ वो ही होता रहेगा। खेल संघों में खेल से जुड़े लोगों को ही मौका मिलना चाहिए।’’ इस पर पूर्व खेल मंत्री रीजीजू ने कहा ‘‘खेल संघों में राजनीति होनी ही है क्योंकि उनमें चुनाव से अध्यक्ष सचिव बनते हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘उस राजनीति को यहां नहीं लाएं। ओलंपिक की तैयारी पर बात हो रही है आप उस पर बात कीजिए राजनीतिक भाषण मत कीजिए।’’ उन्होंने चर्चा में भाग लेने वाले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा समेत अन्य विपक्षी सदस्यों से कहा ‘‘मेरा एक अनुरोध है कि आप चर्चा पर मंत्री का जवाब भी सुनिए। आप आरोप लगाकर सदन से चले जाते हैं और सुनने के लिए नहीं बैठते। खेलों के लिए दस साल में मोदी सरकार ने कितना काम किया है उसे सुनिए। मोदी सरकार ने खेलों के लिए जो किया है 75 साल में किसी सरकार ने नहीं किया।’’ तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कीर्ति आजाद ने संसदीय कार्य मंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा ‘‘(खेल संघों में) लड़ाई क्यों होगी अगर लड़ाई होगी तो खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी क्या है मंत्री को बोलने से पहले सोच लेना चाहिए।’क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common’