मुंबई, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) प्रकोष्ठ के अस्तित्व के बावजूद ‘मंत्रालय’ में एक चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना की है। राज्य में अपनी तरह का यह संभवत: पहला मामला है और यह ऐसे वक्त में हुआ है जब देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार में महायुति सहयोगियों के बीच प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति सहित विभिन्न मुद्दों पर खींचतान मची हुई है।
शिंदे के करीबी सहयोगी मंगेश चिवटे नए चिकित्सा प्रकोष्ठ का नेतृत्व करेंगे। चिवटे के अनुसार नवगठित प्रकोष्ठ धनराशि वितरित नहीं करेगा बल्कि राज्य स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ समन्वय करेगा।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा “जब शिंदे मुख्यमंत्री थे तब मैं मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल करके यही काम कर रहा था और हमने कई लोगों की मदद की थी। अब भी मैं यही काम करूंगा बस फर्क इतना है कि यह प्रकोष्ठ कोष वितरित नहीं करेगा बल्कि जरूरतमंद मरीजों को हर तरह की सहायता प्रदान करेगा।”
यह प्रकोष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के साथ सहयोग करेगा लेकिन प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान नहीं करेगा। इसके बजाय इसका उद्देश्य महात्मा फुले जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन को बढ़ाना है। चिवटे ने कहा “यह प्रकोष्ठ लोगों को सीएमआरएफ के साथ-साथ धर्मार्थ अस्पताल योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और केंद्र की आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से राहत प्राप्त करने के बारे में मार्गदर्शन करेगा।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंद मरीजों के लिए वित्तीय सहायता विभिन्न सामाजिक संगठनों के माध्यम से समन्वित की जाएगी। चिवेट ने कहा कि उपमुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।
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