गठबंधन में सबसे बड़े दल को मुख्यमंत्री तय करने का मौका मिलने की परंपरा रही है : चव्हाण

मुंबई, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य विधानसभा चुनाव में एमवीए को बहुमत मिलने का भरोसा जताते हुए रविवार को कहा कि यह एक पुरानी परंपरा है कि गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने वाला दल ही मुख्यमंत्री का नाम तय करता है। चव्हाण (78) ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में उन दावों को ‘‘भाजपा का दुष्प्रचार’’ करार देते हुए खारिज कर दिया कि हरियाणा में कांग्रेस की हार से महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा है। नवंबर 2010 से सितंबर 2014 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे चव्हाण ने कहा ‘‘हरियाणा और महाराष्ट्र की तुलना नहीं की जा सकती। अगर आप लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखें तो हरियाणा में 5-5 सीट (कांग्रेस को पांच और भाजपा को पांच सीट) मिलीं लेकिन महाराष्ट्र में परिणाम 65 प्रतिशत (एमवीए) और 35 प्रतिशत रहा। दोनों में बहुत बड़ा अंतर है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा का सामाजिक समीकरण अलग है और वैसे भी महाराष्ट्र के हर क्षेत्र का अपना सामाजिक स्वरूप है। महा विकास आघाडी (एमवीए) के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल के जवाब में चव्हाण ने कहा ‘‘यह एक पुरानी परंपरा है कि सबसे बड़ी पार्टी (चुनाव के बाद) मुख्यमंत्री का नाम तय करती है। मुझे नहीं लगता कि इस बार इसमें कुछ अलग होना चाहिए। लेकिन इस बार अगर तीनों दल मिलकर फॉर्मूला बदलना चाहते हैं तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। नेता जो चाहें कर सकते हैं।’’ चव्हाण ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) नेता शरद पवार ने भी कहा है कि गठबंधन सहयोगियों में सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी को मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं चव्हाण ने कहा ‘‘यह एक हास्यास्पद सवाल है। ऐसा मत पूछिए पहले आपको चुनाव जीतना होगा। हमारी प्राथमिकता चुनाव जीतना है। जैसा कि मैं कह रहा हूं (शरद) पवार ने कहा है सबसे बड़ी पार्टी मुख्यमंत्री का नाम तय करेगी।’’ चव्हाण ने सीट बंटवारे को लेकर एमवीए के घटक दलों-कांग्रेस शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राकांपा (एसपी) के बीच मनमुटाव की बात को भी खारिज किया और कहा कि लगभग सभी 288 सीट पर समझौता एक ‘‘उल्लेखनीय उपलब्धि’’ है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा ‘‘हम मुख्य रूप से तीन दलों और कुछ अन्य दलों के बीच 288 सीट के बारे में बात कर रहे हैं। केवल 3-4 क्षेत्र ऐसे हैं जहां दो सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं और कुछ बागी उम्मीदवार हैं जिनके बारे में कुछ नहीं किया जा सकता।’’ चव्हाण ने कहा ‘‘बागी उम्मीदवारों के होने से मनमुटाव नहीं है। एमवीए कुल मिलाकर एकजुट है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने लंबी चर्चा के बाद महाराष्ट्र के लिए गारंटी जारी की। यह पूछे जाने पर कि क्या एमवीए द्वारा दी गई गारंटी वित्तीय रूप से व्यवहारिक है उन्होंने कहा ‘‘हमने सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विचार किया हमने सभी फायदों और नुकसान का आकलन किया और फिर सभी दल एक सहमति पर पहुंचे।’’ एमवीए गठबंधन ने पिछले सप्ताह अपनी गारंटी जारी की जिसमें महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए 3 000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता और राज्य परिवहन बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा का वादा शामिल है। शिवसेना (यूबीटी)-राकांपा (एसपी)-कांग्रेस गठबंधन ने 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले घोषणा की कि कृषि समृद्धि योजना के तहत किसानों का 3 लाख रुपये तक का ऋण माफ किया जाएगा और फसल ऋण के नियमित पुनर्भुगतान के लिए प्रोत्साहन के रूप में 50 000 रुपये दिए जाएंगे। बेरोजगार युवाओं के लिए 4 000 रुपये प्रति माह का भत्ता 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा और मुफ्त दवाएं अन्य गारंटी थीं जिनकी घोषणा एमवीए के शीर्ष नेताओं ने मुंबई के बीकेसी मैदान में आयोजित एक जनसभा में की। एमवीए ने सत्ता में आने पर राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने का वादा भी किया है। एमवीए को कितनी सीट मिलने की उम्मीद है इस पर चव्हाण ने कहा कि वह संख्या की भविष्यवाणी नहीं कर सकते लेकिन उन्हें विश्वास है कि एमवीए को बहुमत मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक रहेंगे तो सेफ (सुरक्षित) रहेंगे’ वाले बयान पर चव्हाण ने कहा कि भाजपा ऐसे बयान इसलिए दे रही है क्योंकि वह ‘हताश’ और ‘घबराई हुई’ है। कांग्रेस नेता ने दावा किया ‘‘अजित पवार ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह महाराष्ट्र में नहीं चलेगा। वह घबराए हुए हैं। वह चुनाव को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं और विकास (की चर्चा) पर क्यों नहीं टिक रहे हैं। वह विकास में विफल रहे हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं।’’ चव्हाण ने कहा ‘‘महायुति में गठबंधन सहयोगी अजित पवार ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है… उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में ‘कृपया ऐसी भाषा का इस्तेमाल न करें’ और ‘मोदी को यहां आकर प्रचार करने की जरूरत नहीं है।’ गठबंधन पहले ही बिखर चुका है। उन्होंने (अजित पवार ने) कहा है कि योगी (आदित्यनाथ) की भाषा यहां स्वीकार्य नहीं है।’’ चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में मुख्य मुद्दे बेरोजगारी महंगाई किसानों की समस्याएं संविधान पर हमला और भ्रष्टाचार हैं। चव्हाण की नजर दक्षिण कराड विधानसभा सीट से जीत दर्ज करके तीसरी बार विधानसभा पहुंचने पर है। वह लोकसभा राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना भाजपा और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं। विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) में कांग्रेस शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) शामिल हैं।288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा। मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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