गुरुग्राम में 13 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2024 तक सरस आजीविका मेले का आयोजन

ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) गुरुग्राम के सेक्टर 29 स्थित लेजर वैली ग्राउंड में 13 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2024 तक लगातार तीसरे साल सरस आजीविका मेला आयोजित कर रहा है। सरस मेले में करीब 30 राज्यों की 900 से ज्यादा ग्रामीण महिला कारीगर हिस्सा ले रही हैं। मेले में विभिन्न राज्यों के उत्पाद जैसे गुजरात की टसर साड़ियां, बाघ प्रिंट, पटोला साड़ियां, पश्चिम बंगाल की काथा साड़ियां, राजस्थानी प्रिंट, मध्य प्रदेश की चंदेरी साड़ियां, हिमाचल-उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद और प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लकड़ी के उत्पाद, जम्मू-कश्मीर के विभिन्न मेवे और हथकरघा उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद और प्राकृतिक खाद्य के साथ-साथ भारत भर की ग्रामीण संस्कृति के विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। मेले में स्वयं सहायता समूह की दीदियों को महिला स्वयं सहायता समूहों के विशेष क्षमता निर्माण, शिक्षण मंडप और ज्ञान साझाकरण मंडप के माध्यम से सरकार के विभिन्न मंत्रालयों (ग्रामीण विकास मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, ग्रामीण विकास, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय आदि के विभिन्न विभागों) के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। विभिन्न मंत्रालयों की योजनाओं के तहत स्वयं सहायता समूहों की दीदियों को आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा जाएगा और उनकी कौशल विकास के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा गुरुग्राम सरस मेले में सरस फूड कोर्ट भी लगाया जाएगा जिसमें करीब 25 राज्यों के 50 लाइव फूड स्टॉल होंगे। इसमें राजस्थानी कैर सांगरी-गट्टे की सब्जी, बंगाल की फिश करी, तेलंगाना चिकन समेत पूरे भारत के व्यंजन होंगे।बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब का सरसों का साग और मक्की की रोटी। मेले में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए किड्स जोन की भी व्यवस्था की गई है। मेले में दिल्ली-गुरुग्राम समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से लाखों की संख्या में आगंतुक व ग्राहक भाग लेंगे। आगंतुकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए इस सरस आजीविका मेले में स्वयं सहायता समूहों के ऑनलाइन पंजीकरण/नामांकन की व्यवस्था की गई है। मेले में झारखंड व उत्तर प्रदेश से बीसी सखी व पत्रकार बहनें भी भाग लेंगी। इस बार गुरुग्राम सरस मेले में उत्तर-पूर्वी राज्यों को प्राथमिकता देने के लिए उत्तर-पूर्वी मंडप भी बनाया गया है और प्रत्येक राज्य के लिए राज्यवार मंडप बनाकर उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। मेले में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मेडिकल हेल्प डेस्क व एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहेगी। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने तथा मेले को सफल बनाने के लिए गुरुग्राम जिला प्रशासन तथा हरियाणा राज्य आजीविका मिशन का भी योगदान लिया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय (भारत सरकार) तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एन.आई.आर.डी.पी.आर.) के सहयोग से पिछले 26 वर्षों से सरस मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इससे लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं तथा लाखों महिलाओं ने विपणन कौशल भी सीखा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय, दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डी.ए.वाई.-एन.आर.एल.एम.) के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एन.आई.आर.डी.पी.आर.) के सहयोग से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए सरस मेलों के माध्यम से विपणन मंच प्रदान कर रहा है। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को शहरी ग्राहकों से सीधे संवाद करने, बाजार की रुचि जानने तथा उसके अनुसार अपने उत्पादों की पैकेजिंग में सुधार करके अपने उत्पादों का मूल्य निर्धारण करने का अवसर मिलता है। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर पैदा कर रही हैं, बल्कि देश में महिला सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही हैं। आजीविका की यात्रा में यह निश्चित रूप से एक मील का पत्थर है। सरस मेलों का आयोजन वर्ष 1999 से लगातार किया जा रहा है। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।Photo : Wikimedia

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