गृह मंत्रालय, दिल्ली के स्थानीय निकायों, बैंकों से भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें: सीवीसी

नयी दिल्ली, केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय, दिल्ली के विभिन्न स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पिछले साल उनके कर्मचारियों से जुड़े भ्रष्टाचार की सबसे अधिक शिकायतें मिलीं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी श्रेणियों के अधिकारियों, कर्मचारियों के संबंध में प्राप्त भ्रष्टाचार की कुल 81,595 शिकायतों में से सबसे अधिक (26,872) मामलों में गृह मंत्रालय (एमएचए) के कर्मचारी शामिल थे।

रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) को छोड़कर, स्थानीय निकायों के कर्मचारियों के खिलाफ 7,578 शिकायतें थीं और बैंक कर्मचारियों के खिलाफ 6,460 शिकायतें मिलीं। रिपोर्ट में गृह मंत्रालय के तहत विभिन्न संगठनों या अनुभागों अथवा, स्थानीय निकायों के लिए प्राप्त शिकायतों का अलग-अलग विवरण नहीं दिया गया है।

एक सूत्र ने बताया कि स्थानीय निकायों में दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी), दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) और उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) शामिल हैं।

वर्ष 2020 के लिए सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय या सेक्टर के तहत 4,986 शिकायतें, जीएनसीटीडी कर्मियों के खिलाफ 4169, आवास और शहरी मामलों के कर्मचारियों के खिलाफ 4,191, श्रम क्षेत्र में 3,067, नागरिक उड्डयन में कर्मचारियों के खिलाफ 3,057 और पेट्रोलियम क्षेत्र में 2,547 कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतें मिलीं।

रिपोर्ट में कहा गया कि 2,077 शिकायतें रक्षा क्षेत्र में, 2,023 शिकायतें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के कर्मचारियों के खिलाफ, 1,732 मामले वित्त विभाग के तहत और 1,559 शिकायतें दूरसंचार क्षेत्र के कर्मियों के खिलाफ थीं।

कुल 1,133 शिकायतें इस्पात मंत्रालय के तहत, 981 बीमा क्षेत्र के लोगों के खिलाफ, 893 मानव संसाधन विकास के खिलाफ, 837 उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण कर्मचारियों के खिलाफ, 708 शिकायतें डाक विभाग के खिलाफ और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के तहत काम करने वालों के खिलाफ 669 शिकायतें मिलीं।

पिछले वर्ष के दौरान प्राप्त कुल 81,595 शिकायतों का विवरण देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि 60,492 का निपटारा किया गया और 21,103 मामले लंबित हैं। इनमें से 12,262 शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्रालय से संबंधित कुल 26,872 शिकायतों में से 14,818 का निपटारा किया गया और 12,054 मामले लंबित हैं। इनमें 7,178 शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित हैं।

रिपोर्ट में कहा गया आयोग में बड़ी संख्या में प्राप्त होने वाली शिकायतें गुमनाम, छद्मनाम प्रकृति की होती हैं। कई शिकायतों में बेबुनियाद आरोप होते हैं और कुछ में शिकायतकर्ता का इरादा भ्रष्ट गतिविधियों की रिपोर्ट करने के बजाय किसी को परेशान करना होता है। इसलिए एक सामान्य नीति के तहत अनाम, छद्म नाम वाली शिकायतों पर विचार नहीं किया जाता है।

क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia commons

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