नयी दिल्ली, घरेलू सौर फोटोवोल्टिक (पीवी) मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 2025 तक 60 गीगावाट (जीडब्ल्यू) तक पहुंचने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह अनुमान लगाया है। एजेंसी ने सोमवार को कहा कि अभी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता 37 गीगावाट है। इस तरह इसमें 62 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। इक्रा ने कहा, “मजबूत नीतिगत समर्थन और घरेलू स्तर पर बढ़ती मांग के अलावा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के कारण इसके बढ़कर 100 गीगावाट तक पहुंचने की संभावना है।” पॉलिसिलिकॉन, वेफर, सेल और मॉड्यूल की विनिर्माण क्षमता में 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ चीन का सौर पीवी मॉड्यूल आपूर्ति श्रृंखला में वर्चस्व है। इसकी तुलना में भारत में विनिर्माण क्षमता अपेक्षाकृत कम है। मध्यम अवधि में भारत में एकीकृत मॉड्यूल इकाइयों के आने की संभावना के साथ पीएलआई योजना से इसमें बदलाव की संभावना है। भारत सरकार (जीओआई) ने 48 गीगावाट की मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया है, जिसमें 24 गीगावाट की पूरी तरह से एकीकृत सुविधाएं यानी पॉलिसिलिकॉन से मॉड्यूल तक शामिल हैं। इन एकीकृत मॉड्यूल क्षमताओं को स्थापित करने के लिए पूंजी व्यय परिव्यय एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common