जम्मू, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को इस बात पर बल दिया कि जल शक्ति विभाग के प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मजदूरों पर लाठीचार्ज नहीं होना चाहिए था और कहा कि पुलिस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्यों ने दिहाड़ी मजदूरों का वेतन जारी करने और उसे पक्का करने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर किए गए विरोध-प्रदर्शन का मुद्दा उठाया और उन पर लाठीचार्ज किए जाने की आलोचना की।
इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के सदस्यों के बीच बहस होने पर हंगामा शुरू होने के बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। इसमें हस्तक्षेप करते हुए अब्दुल्ला ने कहा ‘‘आपने (भाजपा विधायक विक्रम रंधावा) एक सवाल पूछा है कृपया जवाब का इंतजार करें।’’
उन्होंने कहा ‘‘जहां तक प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस के व्यवहार का सवाल है तो मैं रंधावा साहब को याद दिलाना चाहूंगा कि दुर्भाग्यवश पुलिस पर न तो आपका और न ही मेरा नियंत्रण है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के अंदर हंगामा करने के बजाय बेहतर होता कि विपक्ष इस मामले को वहां से कुछ किलोमीटर दूर (उपराज्यपाल का जिक्र करते हुए) उठाता जहां वास्तविक नियंत्रण है। उन्होंने कहा ‘‘वहां जाकर पूछना ज्यादा उचित होता कि उन्हें क्यों पीटा गया ’’
उमर ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज न तो सरकारी आदेश पर किया गया न ही उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा ‘‘आज भी मैं इस बात पर कायम हूं कि ये कर्मचारी हमारे हैं। उनके मुद्दे वास्तविक हैं। यह कोई आर्थिक मसला नहीं है बल्कि मानवीय मुद्दा है। उनके साथ मानवता और संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए था।’’उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सदन में उन सभी ने जो चिंता दिखाई है उसका असर पुलिस पर भी होगा।
उन्होंने कहा ‘‘अगली बार जब ये लोग अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे तो उनके खिलाफ लाठी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’’
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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