जम्मू कश्मीर में शहरी निकायों, पंचायत चुनावों में देरी की संभावना

जम्मू, जम्मू कश्मीर में नगर निकाय अधिनियमों एवं नियमों बदलाव करने, और परिसीमन की कवायद पर प्रशासन के विचार करने कारण कारण शहरी स्थानीय निकाय तथा पंचायत चुनाव में देरी होने की संभावना है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।उन्होंने बताया कि विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन किये जाने के आलोक में जम्मू कश्मीर प्रशासन नगर निकाय के वार्ड और पंचायत निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन करने पर विचार कर रहा है।उन्होंने बताया कि आवास एवं शहरी विकास विभाग, मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय के साथ सक्रियता से संवाद कर रहा है और इस कार्यालय ने संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार स्थानीय निकायों की चुनावी प्रक्रिया का जिम्मा राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को सौंपने का सुझाव दिया है।जम्मू कश्मीर में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के अलावा शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) चुनाव कराने की जिम्मेदारी मिली हुई है, जबकि राज्य निर्वाचन आयुक्त की अगुवाई वाले एसईसी को पंचायत चुनाव कराने की शक्ति प्राप्त है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने 23 सितंबर को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर संविधान के 74 वें संशोधन के हिसाब से एसईसी से यूएलबी चुनाव कराने की मांग की थी।उन्होंने लिखा था, ‘‘हम इस वक्त की जा रही संवैधानिक गलती को तत्काल दुरूस्त करने और नगर निगमों एवं अन्य शहरी स्थानीय निकायों का चुनाव समय से स्वतंत्र राज्य निर्वाचन आयोग की देखरेख एवं नियंत्रण में कराने की राज्यपाल से अपील करते हैं।’’आवास एवं शहरी विकास विभाग को भेजे पत्र में सीईओ कार्यालय ने कहा कि पूर्णकालिक राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के बाद नगर निकायों की चुनावी प्रक्रिया कराने का जिम्मा सीईओ के हाथों से लेकर एसईसी को सौंपने की जरूरत है।पत्र में कहा गया है, ‘‘इसके लिए, नगर निकाय कानूनों के तहत चुनाव प्राधिकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के बजाय राज्य निर्वाचन आयुक्त करने की जरूरत है। संवैधानिक प्रावधानों में भी इसका निर्देश दिया गया है।’’जम्मू नगर निगम (जेएमसी) और श्रीनगर नगर निगम (एसएमसी) समेत ज्यादातर नगर निगमों/नगरपालिकाओं का पांच साल का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है जबकि पंचायतों का कार्यकाल अगले वर्ष नौ जनवरी को समाप्त होगा। एसएमसी का कार्यकाल पांच नवंबर को समाप्त हुआ, जबकि जेएमसी का कार्यकाल 14 नवंबर तक है। प्रखंड विकास परिषदों और जिला विकास परिषदों का कार्यकाल क्रमश: अक्टूबर 2024 और जनवरी, 2026 में समाप्त होगा।पिछले यूएलबी और पंचायत चुनाव काफी देरी के बाद अक्टूबर और दिसंबर, 2018 में हुए थे।सीईओ कार्यालय ने अपने पत्र में विभिन्न आवेदकों का हवाला दिया है, जिन्होंने दो नगर निगमों की हर सीट पर मतदाताओं की संख्या में बड़ा अंतर होने पर आपत्ति जताई है तथा सभी निकायों का परिसीमन कराने की मांग की है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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