तोक्यो, जापान के सम्राट नारुहितो ने रविवार को अपने 65वें जन्मदिन के अवसर पर द्वितीय विश्व युद्ध की त्रासदी की जानकारी नयी पीढ़ी तक पहुंचाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इतिहास की समझ और शांति के संकल्प को बढ़ावा देने के प्रयासों में योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई। नारुहितो ने कहा आज जब युद्ध की स्मृतियां धुंधली हो रही हैं यह महत्वपूर्ण है कि उन भयावह अनुभवों और इतिहास को नयी पीढ़ियों तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि युद्ध और उसके बाद के संघर्षों को झेलने वाले लोग अब वृद्ध हो चुके हैं और युवा पीढ़ी के लिए उनके प्रत्यक्ष अनुभवों को सुनना कठिन हो गया है। नारुहितों ने उम्मीद जताई कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए दशकों से काम कर रहे उनके संगठन निहोन हिदानक्यो को मिला नोबेल शांति पुरस्कार नयी पीढ़ी में जागरूकता बढ़ाएगा। इस वर्ष सम्राट नारुहितो और महारानी मासाको हिरोशिमा और नागासाकी का दौरा कर सकते है। यहां वे अमेरिकी परमाणु हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देंगे। वे ओकिनावा भी जाएंगे। ओकिनावा युद्ध के सबसे भीषण संघर्षों में से एक का साक्षी रहा है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common