नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संशोधित ‘जियो पारसी’ योजना और मुंबई विश्वविद्यालय में अवेस्ता-पहलवी भाषा केंद्र की शुरुआत की।
‘जियो पारसी’ केंद्र की योजना है जिसे वैज्ञानिक प्रोटोकॉल और व्यवस्थित हस्तक्षेप से पारसी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिए 2013-14 में शुरू किया गया था।
यहां जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना के साथ अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने पारसी लोगों की विरासत का सम्मान करने के लिए और देश को परिभाषित करने वाली एकता, विविधता और समावेशिता का उदाहरण पेश करने के लिए दिल्ली पारसी अंजुमन में एक कार्यक्रम की मेजबानी की।
इसमें कहा गया है कि अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारसी समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करना और एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए पारसी लोगों की विरासत का सम्मान करना है।
इस कार्यक्रम में मुंबई विश्वविद्यालय में ‘अवेस्ता-पहलवी अध्ययन केंद्र’ स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। अवेस्ता-पहलवी पारसी समुदाय के सदस्यों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्राचीन और पवित्र भाषाओं में से एक है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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