जीनोम विश्लेषण में गांजा के उपयोग से होने वाले विकार और अन्य बीमारियों से जुड़े जीन्स का पता चला

नयी दिल्ली, अमेरिका में दस लाख से अधिक लोगों के जीनोम विश्लेषण में दर्जनों ऐसे अनुवांशिक जीन स्वरूप मिले हैं जिनसे गांजे के इस्तेमाल से होने वाले विकार पैदा होने का अधिक खतरा है।  येल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में कराए गए इस अध्ययन में ये अनुवांशिक स्वरूप व्यवहार और स्वास्थ्य संबंधी अनेक मुद्दों से जुड़े पाए गए जिनमें फेफड़े का कैंसर भी शामिल है।

             पिछले अध्ययनों से पता चला है कि कैनबिस या मारिजुआना (गांजे) का उपयोग करने वाले लगभग एक-तिहाई लोगों में कैनबिस यूज डिसऑर्डर विकसित होता है, जिसे कैनबिस के उपयोग के एक समस्याग्रस्त पैटर्न के रूप में परिभाषित किया जाता है। कैनबिस में भांग के पौधे की सूखी पत्तियां होती हैं और इसका धूम्रपान करके या चबाकर इस्तेमाल किया जाता है। नेचर जेनेटिक्स पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह दावा किया गया है।

             मनोविज्ञान, अनुवांशिकी और तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर जोएल गेलेर्नटर ने कहा, ‘‘यह कैनबिस यूज डिसऑर्डर का अब तक का सबसे बड़ा जीनोम अध्ययन है और जितने अधिक (अमेरिकी) राज्य मारिजुआना के उपयोग को वैध या अपराधमुक्त करेंगे, ऐसे अध्ययन हमें इसके बढ़ते उपयोग के साथ होने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को समझने में मदद कर सकते हैं।’’

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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