रांची, झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने मंगलवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन की सराहना की और कहा कि भारत अनाथों का देश नहीं हो सकता है जो किसी को भी उनकी इच्छा के अनुरूप जब चाहे आने और जाने की अनुमति दे।
कानून के विरोध के बारे में संवाददाताओं के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसी भी नई चीज पर शुरुआत में सवाल उठाया जाता है।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘भारत अनाथों का देश नहीं हो सकता, जहां कोई भी आ सके और बाहर जा सके। हमें इसे सुव्यवस्थित करना होगा। यह (सीएए का कार्यान्वयन) उस दिशा में एक अच्छा कदम है।’’
राधाकृष्णन ने कहा कि अवैध प्रवास को रोकना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी आबादी पहले से ही 140 करोड़ है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को देखने के बाद इसे लागू किया जाना चाहिए।’’
सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियमों को सोमवार को अधिसूचित किया गया, जिससे 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज के भारत आये गैर-मुस्लिम प्रवासियों को देश की नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
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