ट्रंप के मीम कॉइन में कुछ नया नहीं: अतीत में दुनियाभर के शासक भी कर चुके हैं ऐसा

सिडनी,  मौजूदा समय में हम शायद कभी यह सोचना बंद नहीं कर सकते कि रुपयों का आविष्कार क्यों किया गया था। अगर आप इसके बारे में कुछ ज्यादा ही सोचते हैं तो आपको यह जानकर हैरानी नहीं होगी कि इसका मुख्य उद्देश्य शासकों के लिए लाभ कमाना था।  लगभग 2 600 साल पहले आधुनिक तुर्की (अब तुर्किये) में लिडिया के राजाओं ने एक बहुत ही चतुर योजना बनाई।

            उन्होंने हर किसी द्वारा चीजों को खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चांदी और सोने को अपने प्रतीक चिह्न वाले सिक्कों में बदल दिया और अपने क्षेत्र में रहने वाले हर व्यक्ति को इसका इस्तेमाल करने के लिए मजबूर किया लेकिन सिक्के का अंकित मूल्य धातु की मात्रा के मूल्य से ज्यादा था। इस अंतर पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और तब से हर कोई ऐसा ही कर रहा है। 

            यहां तक ​​कि लिडियन भी हाल ही में शुरू की गई क्रिप्टोकरेंसी ‘$ट्रंप’ की अभूतपूर्व सफलता से हैरान हो गए होंगे  जिस पर अमेरिका के नए राष्ट्रपति का नाम है और अब इसकी कीमत अरबों में है।

            लेकिन ट्रंप का कॉइन कोई नयी चीज नहीं है। सोशल मीडिया के पहले के जमाने से सिक्के चलन में रहे हैं। शासक इनका इस्तेमाल खुद व अपनी उपलब्धियों के प्रचार और दुनियाभर में अपना संदेश भेजने के लिए किया करते थे।

            सिकंदर महान : सिकंदर महान ग्रीक सिक्कों पर अपनी छवि अंकित करने वाले पहले शासक थे। सिक्कों पर पहले देवी-देवताओं की ही छवि ही हुआ करती थी लेकिन सिकंदर खुद को भगवान मानने लगे  और सिक्कों पर अपनी छवि अंकित करवाई।  सिकंदर द्वारा भारी संख्या में सिक्के बनवाना उनके उत्तराधिकारियों के लिए एक समस्या बन गया।  सिक्के मुख्य रूप से सेना को भुगतान करने के लिए बनाये गये थे। पर्याप्त धन आपूर्ति बनाए रखने की कोई आकर्षक आर्थिक धारणा नहीं थी इसलिए इन्हें केवल अन्य कारणों के लिए उपयोग में लाया जाता था। हालांकि सिक्के ही मुख्य माध्यम थे  जिसकी वजह से सभी को सिकंदर को एक प्रबल योद्धा के रूप में देखने का मौका मिला।

            रोमन युद्ध : रोमन लोग प्रचार के लिए सिक्कों का इस्तेमाल करने में सबसे माहिर थे।

            इस सिक्के पर जूलियस सीजर की छवि अंकित थी  जो उनकी शक्ति को दर्शाती है। इसके साथ ही उन्हें ‘सदा के लिए तानाशाह’ का नाम दिया गया। यह सम्मान उन्हें फरवरी 44 ईसा पूर्व के मध्य में रोमन सीनेट द्वारा दिया गया था।  सिक्के के पीछे की ओर उनके पौराणिक पूर्वज वीनस को विजय चिन्ह पकड़े हुए दिखाया गया है।   सीजर खुद को राजा के रूप में स्थापित कर रहे थे और रोमन गणराज्य को समाप्त करते जा रहे थे लेकिन वास्तव में  ऐसा नहीं हुआ। सीजर की सिर्फ एक महीने बाद मार्च में ईद पर हत्या कर दी गई। मार्कस जूनियस ब्रूटस ने इस अवसर का जश्न इतिहास के सबसे प्रसिद्ध सिक्कों में से एक जारी करके मनाया  जिसके आगे वाले भाग पर उनका स्वयं का चित्र और नाम अंकित था।

            पवित्र यरूशलम : पहला यहूदी विद्रोह 66 ईस्वी में शुरू हुआ  जब यहूदियों ने रोमनों से अपनी आजादी वापस पाने की कोशिश की और यरूशलम पर फिर से कब्जा कर लिया। उन्होंने रोम से अपनी आजादी की घोषणा करते हुए सिक्के जारी किए।   इन सिक्कों के आगे वाले भाग पर एक प्याला है  जिस पर पैलियो-हिब्रू वर्णमाला में एक शिलालेख है और पीछे की ओर तीन अनार एवं एक शिलालेख है  जिसे ‘पवित्र यरूशलम’ भी कहते हैं। 

             अन्य सिक्का ‘जायोन की स्वतंत्रता’ है  जिसे यरूशलम को राजधानी के रूप में महत्व देने और समर्थन जुटाने के लिए जारी किया गया था।आधुनिक दुनिया में सिक्के  : प्रचार और लाभ के लिए सिक्कों का उपयोग करने की परंपरा पूरे इतिहास में जारी रही है। आधुनिक समय में भी  हम सिक्कों पर शासकों की छवि देखने के आदी हैं। सिक्के और बैंक नोट अभी भी विश्वास संबंधी ही हैं  हालांकि उनका मूल्य सरकार द्वारा उनके उपयोग को लागू करने और उनकी गारंटी देने से प्राप्त होता है  जैसा कि लिडियन के लिए था। 

            और यहां तक ​​कि ट्रंप का मीम कॉइन भी कोई अनूठा सिक्का नहीं है। निजी टकसाल स्मारक सिक्के जारी कर सकते हैं  जो वास्तव में कानूनी निविदा नहीं हैं।ट्रंक का कॉइन 99.9 फीसदी शुद्ध सोने या चांदी से बना ‘मेडलियन’ है  जिनकी कीमत 100 अमेरिकी डॉलर से शुरू होती है।

क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया
फोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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