वाशिंगटन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के अधीन सिखों के सुरक्षित होने का दावा करते हुए एक प्रमुख सिख-अमेरिकी समूह के नेताओं ने आरोप लगाया कि बाइडेन अभियान समुदाय का ‘‘मनोबल गिराने और उसे हतोत्साहित’’ करने की कोशिश कर रहा है।
जो बाइडेन राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।
सिख-अमेरिकी वकील और ट्रम्प के वकीलों में से एक (को-चेयर) हरमीत ढिल्लों ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और स्वाधीनता सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पहल के कारण इतने सारे सिख युवा आज अमेरिकी सेना में अपनी पगड़ी और दाढ़ी के साथ सेवा दे रहे हैं।
ट्रम्प अभियान से जुड़े सिखों में से एक (को-चेयर) जसदीप सिंह ने बताया कि समुदाय के सदस्य पहले कभी इतने सुरक्षित नहीं थे, जितने राष्ट्रपति ट्रम्प प्रशासन के अधीन हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम योद्धा समुदाय हैं, हमें कोई परेशान नहीं कर सकता। ऐसा कहकर (कि सिख समुदाय अमेरिका में सुरक्षित नहीं है) बाइडेन अभियान दल हमारा मनोबल तोड़ने और हमें हतोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है।’’
बाइडेन अभियान ने अमेरिका में सिख समुदाय के समक्ष पेश हो रही ‘ज़ेनोफोबिया’ (दूसरे देश के लोगों को नापसंद करना) सहित अनेक चुनौतियों का समाधान करने का संकल्प किया है।
सिंह ने दावा किया कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन ‘‘सिख विरोधी’’ होगा।
अमेरिका में तीन नवम्बर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। इसमें राष्ट्रपति पद के लिए ट्रम्प तथा बाइडेन और उप राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस और माइक पेंस के बीच मुकाबला है।
सिंह ने कहा कि हैरिस कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल में अपने कार्यकाल के दौरान सिख व्यक्ति त्रिलोचन सिंह ओबराय की नौकरी के खिलाफ थीं, जिन्होंने अपनी दाढ़ी हटाने से मना कर दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘ हैरिस ने उन्हें दाढ़ी हटाने को कहा था और उनसे धर्म तथा आजीविका के बीच एक का चयन करने को कहा था। भारतीय मूल की होने के बावजूद, वह सिख विरोधी हैं।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ हम जो बाइडेन या कमला हैरिस का समर्थन नहीं कर सकते। वे सिखों के लिए सही नहीं हैं।’’
क्रेडिट : पेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया