डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य, पर्यावरण क्षेत्रों के बीच सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया

नयी दिल्ली विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने साझा चुनौतियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य और पर्यावरण क्षेत्रों के बीच सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक साइमा वाजिद ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर कहा कि पर्यावरणीय स्थिरता और सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाली नीतियों की वकालत करना तथा टिकाऊ स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं को विकसित करने के लिए अनुसंधान एवं नवाचार में निवेश करना अनिवार्य है। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य समुदाय से भूमि पुनरुद्धार मरुस्थलीकरण को रोकने और सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करने के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया। साइमा वाजिद ने कहा ‘‘चिंताजनक वास्तविकता यह है कि हमारे क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली मौतों की संख्या विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी क्षेत्रों में सबसे अधिक है। जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता का नुकसान पहले से ही हमारे क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था और आजीविका के लिए बड़े खतरे पैदा कर रहा है।’’ विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष पांच जून को मनाया जाता है जिसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित स्टॉकहोम सम्मेलन में की गई थी। इस वर्ष हमारी भूमि हमारा भविष्य पीढ़ी का संरक्षण के नारे के तहत भूमि पुनरुद्धार मरुस्थलीकरण को रोकने और सूखे से निपटने की क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा ‘‘हमने वायु प्रदूषण और खतरनाक रसायनों के प्रभावों को कम करने जलवायु परिवर्तन के प्रति स्वास्थ्य सुविधाओं को लचीला बनाने तथा पीने के लिए स्वच्छ एवं पर्याप्त पानी बुनियादी स्वच्छता और सफाई पर ध्यान केंद्रित करने को प्राथमिकता दी है। ’’ वाजिद ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए भूमि पुनरुद्धार मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने के लिए व्यावहारिक और अभिनव तरीकों से भूमि उपयोग नियोजन प्रक्रियाओं में स्वास्थ्य प्रभाव आकलन को एकीकृत करना शामिल है।क्रेडिट : प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडियाफोटो क्रेडिट : Wikimedia common

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